अयोध्या। राम मंदिर भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि कल जो समीक्षा हुई है, उसमें मार्च तक भूतल, प्रथम और द्वितीय तल का काम पूरा कर लेंगे। भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि कल हमने जो समीक्षा की है, जो तिथि निर्धारित है, उसके अंतर्गत हम भूतल, प्रथम तल और द्वितीय तल के साथ मंदिर के अंदर आइकोनोग्राफी और अन्य क्लैडिंग का काम मार्च तक पूरा कर लेंगे। इसी अवधि में प्रथम तल में राम दरबार की प्रतिष्ठा का काम पूरा हो जाएगा।
उन्होंने बताया कि द्वितीय तल गर्भ गृह में यह निर्णय लिया गया है कि जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के रामायण पुस्तिकाएं सामान्य रूप से प्रचलित नहीं हैं, कहीं-कहीं पर उपलब्ध हैं, उन्हें दूसरे तल के गर्भ गृह में रखी जाएंगी। नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि मंदिर निर्माण में 370 पिलर हैं। उन पर जो मूर्तियां हैं, उनका काम भी पूर्ण कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम अब धीरे-धीरे भवन जो पूर्ण हो चुके हैं, उसे अब न्यास को एलएनटी द्वारा हस्तांतरण कर देंगे। इसमें मुख्य रूप से जिन्हें चिह्नित किया गया है, उनमें एसटीपी, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, फायर पोस्ट का भवन, इलेक्ट्रिकल सब स्टेशन के भवन शामिल हैं। जो अगले 15 दिन में न्यास को सौंप दिया जाएगा।
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उसके बाद न्यास की जिम्मेदारी होगी कि वह उसका ऑपरेशन और मेंटेनेंस करें। उन्होंने बताया कि यह अनुमान लगाया जा सकता है कि हम कार्य पूर्ति की दिशा में जा रहे हैं। हमारा लक्ष्य है कि मार्च तक अधिकतम कार्य पूरा कर लिया जाए। जो निर्माण कार्य पूर्ण हो रहे हैं, उसे न्यास को भी देते चलें। चेयरमैन नृपेंद्र मिश्रा ने बताया कि करीब 20 एकड़ भूमि में जहां पत्थर और मिट्टियों के पहाड़ जमा थे, वहां पर सफाई करके अगले तीन माह में घास, पेड़-पौधे और वनस्पति सौंदर्य की व्यवस्था होगी। इसके बाद एक निश्चित क्षेत्र में मूवमेंट निर्माण कार्य सीमित हो जाएगा।
उन्होंने बताया कि परकोटा की चुनौती अभी बनी हुई है। अभी तीन लाख क्यूबिक फीट पत्थर लगाए जाने हैं। इस कार्य का लक्ष्य जून तक पूर्ण होना था, लेकिन हमारे एलएंटी और टाटा के सहयोगी अभी आश्वासन नहीं दे पा रहे हैं। वे तीन माह का समय और चाह रहे हैं। हम देख रहे हैं कि श्रमिकों की संख्या कैसे बढ़ाएं। एलएंटी से कहा गया है कि वह अपने मुख्यालय को लिखकर श्रमिकों की संख्या बढ़ाने के बारे में कहे।