झांसी। रामविलास वेदांती ने सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव पर हमलावर होते हुए कहा कि ”मुझे ऐसा लगता है कि अखिलेश यादव ने आतंकवादियों से पैसा लिया है। क्योंकि आज तक किसी ने रामचरित मानस पर आरोप नहीं लगाया है। ये अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक षड्यंत्र है।
उन्होंने कहा कि आतंकवादियों ने अखिलेश यादव और आप नेता संजय सिंह को खरीद लिया है। रामचरित मानस में कोई विवाद नहीं है। लेकिन, रामचरित मानस को बदनाम किया जा रहा है। इसके पीछे अंतरराष्ट्रीय आतंकवादियों का गिरोह, सपा, कांग्रेस और बसपा हैं।
ये हिंदुओं के प्रति अनास्था पैदा करने के लिए कुकृत्य कर रहे हैं।” यह बात रविवार को रामजन्मभूमि आंदोलन से जुड़े पूर्व सांसद रामविलास वेदांती ने झांसी में कही।
वेदांती ने कहा, “सपा के नेता हिंदुत्व के नाम पर समाज के लोगों को आपस में लड़ाना चाहते हैं। जैसे मुलायम सिंह यादव ने हिंदू-मुसलमान को आपस में लड़ाया। वैसे ही उनका बेटा अखिलेश यादव इस समय हिंदुओं को आपस में लड़ाने का कुकृत्य कर रहे हैं।
मगर, अखिलेश मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति में विफल हो गए हैं। 2014, 2017, 2019 और 2022 चुनाव में वह हारे। इसीलिए हिंदुओं को हिंदुओं से लड़ाने का कुकृत्य कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा, “नेता हिंदू और मुस्लिम को अलग करके राजनीति करने में विफल हो गए। इसलिए हिंदुओं को हिंदुओं से लड़ाने के लिए सोनिया गांधी, राहुल गांधी, अखिलेश यादव, अरविंद केजरीवाल, आप नेता संजय सिंह, पी चिदंबरम ने षड्यंत्र के तहत एक मीटिंग की। इसमें तय हुआ कि कैसे हिंदुओं की धार्मिक आस्था को समाप्त किया जाए। एक षड्यंत्र के तहत गोस्वामी तुलसीदास को लिया गया।”
स्वामी प्रसाद मौर्य की जगह अब जेल होनी चाहिए
उन्होंने कहा, “स्वामी प्रसाद मौर्य अपने से कुछ नहीं बोल रहे हैं। वे पहले भी बोल चुके हैं कि रामलला की मूर्ति को हटाकर शौचालय बनाया जाए। वह षड्यंत्र के तहत भाजपा में आया और भाजपा से चला गया। अब षड्यंत्र के तहत सपा ने अपना नेता बनाया।
अब स्वामी प्रसाद मौर्य की जगह लखनऊ की भूमि नहीं होना चाहिए। उनकी भूमि तिहाड़ जेल या नैनी जेल होनी चाहिए। जेल से ही वे राजनीति करें। साथ ही ऐसे लोगों के लिए एक सख्त कानून बनना चाहिए। इसमें धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले बयान देने पर ताउम्र जेल का प्रावधान हो। क्योंकि, हिंदू हो, मुस्लिम हो, ईसाई हो या सिख, भारत सबका है।”
योगी ने सबको साथ लेकर चलने का काम किया
उन्होंने कहा, ”सीएम योगी आदित्यनाथ ने सबको साथ में लेकर चलने का काम किया है। जब सब साथ में आ गए तो अखिलेश ने सोचा कि हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई सब भाजपा में आ गए। अब हिंदुओं को कैसे अलग किया जाए, कैसे तोड़ा जाए? दलित के नाम पर, पिछड़ा के नाम पर, बैकवर्ड के नाम, उजड़े, गिरे हुए के नाम पर। इन सबको अलग करने के लिए बहुत बड़ा अंतरराष्ट्रीय षड्यंत्र है।
वेदांती ने कहा कि वह पहली बार झांसी के मड़िया मंदिर आए हैं। इस मंदिर का सौंदर्यीकरण होना चाहिए। इसके लिए वह प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और गृहमंत्री से चर्चा करेंगे।