नई दिल्ली। यूपी में अडानी ग्रुप को बड़ा झटका देते हुए मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड ने अडाणी जीएमआर के स्मार्ट प्रीपेड मीटर टेंडर को निरस्त कर दिया है।
अडाणी ग्रुप में स्मार्ट प्रीपेड मीटर के लिए जो न्यूनतम धनराशि रखी थी। वह भी वर्तमान में आ रहे स्मार्ट प्रीपेड मीटर की तुलना में लगभग 4000 रुपए ज्यादा थी।
आपको बता दें कि यूपी में 2.5 करोड स्मार्ट प्रीपेड मीटर टेंडर जिसकी लागत लगभग 25000 करोड़ है।
देश के बड़े निजी घराने मेसर्स अडाणी जीएमआर और इन टेलीस्मार्ट, जिनकी दरें ऐस्टीमेटेड कॉस्ट 6000 रुपए से करीब 48 से 65% अधिक आई थीं। इस टेंडर को कैंसिल कर दिया है।
दरअसल, उत्तर प्रदेश में 2.5 करोड़ स्मार्ट प्रीपेड मीटर खरीद के लिए टेंडर जारी किया गया था। इस प्रक्रिया में 25 हजार करोड़ की लागत आनी थी। इनमें से 5400 करोड़ की मीटर खरीद मध्यांचल विद्युत वितरण निगम से ही की जानी थी। सबसे महंगी बोली लगाने के बावजूद अडाणी ग्रुप को टेंडर हासिल करने का मजबूत दावेदार माना जा रहा था।
चार क्लस्टरों में किए गए टेंडर में अडाणी ग्रुप ने सभी में हिस्सा लिया था। इस ग्रुप की दरें हर टेंडर में न्यूनतम आई थीं, जिसके बाद ऐसा माना जा रहा था कि लोवेस्ट वन होने के नाते टेंडर अडाणी ग्रुप को ही मिलेगा। लेकिन प्रति मीटर दर अडाणी ग्रुप ने जो टेंडर में दी थी, वह एस्टिमेटेड दर से 4 हजार ज्यादा है। टेंडर में अडाणी ग्रुप की ओर से दी गई दर 10 हजार थी जबकि एस्टिमेटेड दर 6 हजार है।
ये दरें रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कारपोरेशन लिमिटेड की ओर से तय की गई हैं। ऐसे में मध्यांचल विद्युत वितरण निगम ने अपने क्षेत्र में 70 लाख स्मार्ट मीटर खरीदने का अडाणी ग्रुप के साथ जो टेंडर किया था, उसे उसने रद्द कर दिया है। इस खरीद की लागत 5400 करोड़ रुपये बताई जा रही है। अडाणी ग्रुप के अलावा पश्चिमांचल, पूर्वांचल और दक्षिणांचल डिस्कॉम के टेंडर्स पर भी तलवार लटकी हुई है।