मुरादाबाद। ज्ञानवापी के मामले में न्यायिक प्रक्रिया में सबका विश्वास होना चाहिए। न्यायिक प्रक्रिया के फलस्वरूप ही अयोध्या में राम मंदिर बना। ज्ञानवापी में स्पष्ट दर्शन होता है कि मंदिर की दीवार पर ही गुंबद का निर्माण हुआ है। अदालत के फैसले का इंतजार करना चाहिए।
यह बातें मुरादाबाद में श्री रामकथा अमृत महोत्सव को संबोधित करने आए हुए विश्व विख्यात संत रमेश भाई ओझा ने सोमवार को पत्रकारों से वार्ता करते हुए कही।
रमेश भाई ओझा ने राम मंदिर निर्माण से सरकार को राम के आशीर्वाद के प्रश्न पर कहा कि कर्मों व तपस्या का फल अवश्य मिलता है। विपक्ष के प्राण प्रतिष्ठा में न पहुंचने पर उन्होंने कहा कि कुछ चीजों को राजनीति से अलग रखना चाहिए। धर्म में राजनीति नहीं होनी चाहिए। विपक्ष का काम करने का अपना तरीका हो सकता है।
श्री ओझा ने युवाओं को संदेश देते हुए कहा कि आजकल युवा मोबाइल का इस्तेमाल नहीं करते बल्कि मोबाइल उनका इस्तेमाल करने लगता है। इसलिए तकनीक के प्रयोग में समय सीमा का निर्धारण जरूरी है। हम वहीं कार्य करने के लिए तकनीक का इस्तेमाल करें, जिससे हमारी उन्नति हो।