रांची। रांची के लोअर करम टोली इलाके में 25 मार्च को आदिवासियों का धार्मिक झंडा (सरना ध्वज) उखाड़ने और जलाने की घटना के विरोध में आज आदिवासी संगठनों द्वारा बुलाए गए रांची बंद का शहर के कई क्षेत्रों में असर पड़ा है। सुबह से ही लोग बड़ी संख्या में पारंपरिक हथियार, लाठियां लेकर सड़कों पर उतर आए। जगह-जगह टायर जलाकर आवागमन बाधित कर दिया।
रांची के सबसे प्रमुख चौराहे अल्बर्ट एक्का चौक, मेन रोड, बिरसा चौक, हरमू बायपास, अरगोड़ा चौर, करमटोली सहित कई इलाकों में दुकानें बंद रहीं। वाहनों की आवाजाही सामान्य दिनों की तुलना कम रही। एडीएम लॉ एंड ऑर्डर राजेश्वर नाथ आलोक ने कहा कि सरना झंडा के अपमान के विरोध में आदिवासी संगठनों ने आज बंद बुलाया है। फिलहाल स्थिति सामान्य है। बिरसा चौक और बायपास रोड में डिबडीह के पास लोगों ने सड़क जाम किया था। हालांकि दोनों जगह पर लोगों को स
मझा-बुझाकर जाम हटाया गया। 50 की संख्या में लोगों को चिन्हित किया गया है, जिन्हें जगरनाथपुर थाना में रखा गया है और उन्हें शाम में छोड़ा जायेगा।
आदिवासी संगठन झारखंड प्रदेश पाहन महासंघ के जगदीश पाहन, चंदन पाहन ने कहा है कि सरना झंडा का कई जगहों पर अपमान हुआ है। ऐसा करने वालों को तत्काल गिरफ्तार किया जाए। ऐसा नहीं होने पर चरणबद्ध आंदोलन होगा।
इधर, रांची जिला प्रशासन ने सीएम आवास, सचिवालय की 200 मीटर की परिधि में निषेधाज्ञा लगा रखी है। डीसी और एसएसपी ने 7 अप्रैल को संयुक्त आदेश जारी कर इस संबंध में चेतावनी जारी कर दी थी। इसका उल्लंघन करने वाले के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही थी। सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने को 1500 जवानों की तैनाती की गई है।