मिर्जापुर। उत्तर प्रदेश की मझवां विधानसभा सीट पर भाजपा के उम्मीदवार की घोषणा के बाद निषाद पार्टी में गंभीर विवाद उत्पन्न हो गया है। बसपा छोड़कर निषाद पार्टी में शामिल हुए हरिशंकर बिंद ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। उनका आरोप है कि पार्टी के मुखिया संजय निषाद ने टिकट के नाम पर उनसे 2 करोड़ रुपये की मांग की थी, जिसमें से 15 लाख रुपये उन्होंने संजय निषाद को दिए, लेकिन टिकट फिर भी नहीं मिला। बिंद ने कहा कि संजय निषाद ने उनका ‘सौदा’ किया है और घोषणा की है कि वह उपचुनाव में भाजपा के उम्मीदवार का खुलेआम विरोध करेंगे।
इससे पहले, निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद ने उपचुनाव में अपनी पार्टी के सिंबल पर लड़ने की मांग की थी और इसके लिए भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से बातचीत करने दिल्ली गए थे। वह मझवां और कटेहरी सीटों पर अपनी पार्टी का दावा कर रहे थे, लेकिन भाजपा ने इन सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारने का फैसला किया। इससे संजय निषाद नाराज थे और उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं की इच्छा का हवाला देते हुए कहा कि निषाद पार्टी अपने सिंबल पर चुनाव लड़ेगी, भले ही प्रत्याशी भाजपा का हो।
हरिशंकर बिंद का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। इसमें वह संजय निषाद पर गंभीर आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब उनके (निषाद पार्टी के) खाते में सीट ही नहीं है तो हम लोगों से आवेदन के नाम पर पांच लाख रुपया क्यों लिया गया? पहले कन्फर्म होना चाहिए, उसके बाद आवेदन का पैसा लेना चाहिए? बिंद ने कहा कि हमसे कहा गया कि प्रयास करते रहिए मेहनत करते रहिए आपको टिकट मिलेगा। सर्वे की सारी रिपोर्ट हमारे पक्ष में गई थी लेकिन हमें सूत्रों से पता चला कि हम लोगों का सौदा किया गया है।
बिंद ने कहा कि हमको सबसे पहले दिल्ली बुलाया गया। प्रदेश सचिव बाबू लाल हमारे आवास पर आए और कहा कि संजय निषाद आपसे मिलना चाहते हैं। 2 जून कीतारीख को हम लोग दिल्ली गए। मुलाकात 3 जून को होती है, वहां पर संजय निषाद से बात हुई। उन्होंने कहा कि 6-7 दिन के बाद आप लखनऊ आइए। लखनऊ जाते हैं, वहां पीआरओ से कहते हैं कि आप इनका नामांकन करा दीजिए। हमने पूछा कि कितना पैसा जमा करना होगा तो बोले पांच लाख। हमने वहां पांच लाख रुपया कैश जमा किया। पैसा हमने संजय निषाद की पत्नी को दिया और आवेदन किया।