नयी दिल्ली। सरकार ने मंगलवार को राज्यसभा में कहा कि सरकारी बैंकों के विदेशों में स्थित शाखाओं में कमी आयी है, लेकिन प्रतिनिधि कार्यालयों और संयुक्त उपक्रमों के साथ कुल मिलाकर इसमें वृद्धि हुयी है।
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने प्रश्नकाल के दौरान एक पूरक प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी देते हुये कहा कि 2014 में सरकारी बैंकों के विदेशों में 168 शाखाएं थी जिनकी संख्या 2023 में घटकर 99 रह गयीं, लेकिन प्रतिनिधि कार्यालय और संयुक्त उपक्रम के साथ कुल मिलाकर 2023 में 644 शाखाएं हो गयीं जबकि 2014 में यह संख्या 560 थी।
उन्होंने कहा कि बैंकों को कहां शाखा खोलना है और कहां बंद करना यह निर्णय उसकाे अपने कारोबार को ध्यान में रखते हुये लेना होता है। इसमें सरकार की कोई भूमिका नहीं होती है। उन्होंने कुछ शाखाओं को व्यवहारिकता के कारण बंद किया गया जबकि संयुक्त उपक्रम के साथ मिलकर नयी शाखायें भी शुरू की गयी है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2014 में विदेशी शाखाओं ने 11 लाख करोड़ रुपये से अधिक का काम किया था, लेकिन 2023 में यह बढ़कर 17 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया। चौधरी ने कहा कि गुजरात के गिफ्ट सिटी में देश के छह सरकारी बैंकों की शाखायें जिसे विदेशी शाखा के तौर पर माना जाता है और इसके लिए रिजर्व बैंक से अनुमति लेनी होती है। इन शाखाओं ने 31 मार्च 2024 तक 1.80 लाख करोड़ रुपये का कारोबार किया है और इससे 12 हजार करोड़ रुपये से अधिक का मुनाफा हुआ है।