जयपुर। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विदेशी मुद्रा कानून के उल्लंघन मामले में पूछताछ के लिए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को 30 अक्टूबर तक का समय दिया है। उन्हें दिल्ली स्थित कार्यालय में शुक्रवार को बुलाया गया था। वैभव ने 15 दिन का और समय मांगा था। हालांकि, जांच एजेंसी ने उन्हें सिर्फ चार दिन का समय दिया है।
ईडी ने गुरुवार को विदेशी मुद्रा कानून के कथित उल्लंघन से संबंधित मामले में पूछताछ के लिए वैभव गहलोत को समन जारी किया था। समन मिलने के बाद वैभव गहलोत ने ईडी के समक्ष पेश होने के लिए नई तारीख मांगी और तर्क दिया कि ईडी जांचकर्ताओं को दस्तावेज सौंपने के लिए 2011 से अब तक के दस्तावेज इकट्ठा करने होंगे। इस संबंध में हुई शिकायत में आरोप लगाया गया है कि साल 2011 में होटल के 2500 शेयर खरीदकर मॉरीशस स्थित फर्म से ट्राइटन होटल्स को फंड डायवर्ट किया गया था। उस समय शेयर 39,900 रुपये प्रति शेयर के हिसाब से खरीदे गए थे जबकि उस समय शेयर की कीमत 100 रुपये थी।
सीएम गहलोत ने गुरुवार को पत्रकार वार्ता में साफ किया था कि वैभव गहलोत की टैक्सी कंपनी थी। उसमें वह पहले पार्टनर था। यह कंपनी 25 लाख रुपये की थी। जांच एजेंसी ने समूह और उसके प्रमोटरों की अगस्त में जयपुर, उदयपुर, मुंबई और दिल्ली में तीन दिनों तक तलाशी ली थी। वैभव गहलोत के साथ रतन कांत शर्मा के कथित संबंध ईडी की जांच के दायरे में हैं। कहा जा रहा है कि जांच एजेंसी फेमा के तहत उनसे पूछताछ करेगी और उनके बयान दर्ज करेगी। वह पूर्व में एक कार रेंटल कंपनी में वैभव गहलोत के बिजनेस पार्टनर रह चुके हैं।
वैभव गहलोत का कहना है कि यह 12 साल पुराना मामला है। केंद्र सरकार सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। हम जानते थे कि ये चीजें चुनाव से पहले होंगी। उन्होंने हमारे प्रदेश अध्यक्ष गोविंद डोटासरा के आवास पर भी छापा मारा। वे मेरे पिता अशोक गहलोत को निशाना बनाना चाहते हैं, इसलिए मुझे समन भेजा है। हम इस मामले में पहले भी स्पष्टीकरण कर दे चुके हैं कि वो जब भी मुझे पूछताछ के लिए बुलाएंगे, मैं उपस्थित होऊंगा।