ग्रेटर नोएडा, 14 अक्टूबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश रेरा ने रेरा अधिनियम 2016 की धारा 4(2)(1)(डी) में रियल एस्टेट परियोजनाओं से जुड़े बैंक खातों के लिए 70 व 30 प्रतिशत का नियम पालन करने के आदेश जारी किए हैं। 14 दिसम्बर 2020 को भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से जारी दिशा-निर्देशों के अलावा, 24 दिसमबर 2020 को उप्र. रेरा से परियोजना खाता प्रबंधन के लिए दिशा-निर्देश जारी हुए थे, जिसके अनुसार 1 अप्रैल 2021 से उत्तर प्रदेश में पंजीकृत होने वाली रियल एस्टेट परियोजनाओं के लिए तीन बैंक खाते खोलना आवश्यक है।
उप्र. रेरा ने रियल एस्टेट परियोजनाओं से संबंधित बैंकिंग प्रक्रिया को और भी अधिक सुदृढ़ एवं पारदर्शी बनाने के लिए स्टेट लेवल बैंकर्स कमेटी (एसएलबीसी) को पत्र लिखकर भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के निर्देशों तथा रेरा अधिनियम के प्राविधानों के अनुरूप बैंक खातों का संचालन सुनिश्चित कराने को कहा है। किसी भी नई रियल एस्टेट परियोजना के लिए तीन बैंक खाते खोलने के साथ-साथ उप्र. रेरा ने राज्य स्तरीय बैंक समिति को निम्नलिखित बिंदुओं पर वित्तीय संस्थानों को निर्देश जारी करने के लिए कहा है।
इन नियमों के मुताबिक परियोजना के बैंक खाते खुलवाने की प्रक्रिया में ही प्रोमोटर द्वारा बैंक/ वित्तीय संस्थानों को एक स्थायी सलाह (स्टैन्डिग इन्स्ट्रक्शन) दी जाएगी जिसके अनुसार परियोजना के कलेक्शन खाता में धनराशि आते ही स्वतः 70 प्रतिशत धनराशि सेपरेट खाता में और अधिकतम 30 प्रतिशत, ट्रांजेक्शन खाता में हस्तान्तरित कर दी जाए। इसके बाद बैंक खाते केवल मुख्य प्रमोटर के नाम पर ही खोले जाएंगे और धनराशि के उपयोग केवल परियोजना निर्माण के लिए सुनिश्चित कराने के लिए ही होगा।
बैंक डेबिट कार्ड, चेक बुक तथा नेट बैंकिंग की सुविधा प्रमोटर को उपलब्ध नहीं कराएंगे। सभी स्टेप पूरे करने के बाद बैंक द्वारा रेरा कार्यालय को सीधे सूचना भेजी जायेगी और प्रोमोटर द्वारा उप्र. रेरा पोर्टल पर यह सूचना अपलोड की जाएगी। उत्तर प्रदेश रेरा द्वारा जारी किए गए इन आदेश के बाद क्रेडाई की तरफ से भी बयान जारी किया गया है।
दिनेश गुप्ता, सचिव, क्रेडाई वेस्टर्न यूपी ने बताया है कि डेवलपर्स और वित्तीय संस्थान रेरा अधिनियम के नियमों का पालन कर रहे हैं और यूपी-रेरा का यह कदम परियोजना से संबंधित खातों के बैंकिंग संचालन को मजबूत और एकीकृत करने का काम करेगा। हम व्यक्तिगत बैठकों और सम्मेलनों के माध्यम से क्रेडाई वेस्टर्न यूपी के सदस्यों को हर नियम और विनियम पर अपडेट करते रहते हैं। इस कदम से अधिक पारदर्शिता आएगी और परियोजनाओं के समय पर पूरा होने और वितरण में तेजी आएगी, जो निश्चित रूप से क्षेत्र के विकास को बढ़ावा देगा और समग्र भावनाओं में सुधार करेगा।