नोएडा। एम 3एम बिल्डर पर रेरा ने धारा-3/59 का नोटिस जारी किया है। एम 3एम ने रेरा में बिना पंजीकरण कराए ही जमकर प्रचार प्रसार शुरू कर दिया। उसने पूरे नोएडा ग्रेटर नोएडा में परियोजना नो आइडिया (नोएडिया) के बोर्ड लगा दिए। संभवता बुकिंग भी शुरू कर दी। रेरा अधिनियम में ये बायर्स के साथ फ्रॉड है और धारा-3 का उल्लंघन है। इसके लिए उसे जेल तक जाना पड़ सकता है।
नोटिस जारी करने के बाद रेरा अब इस पूरे प्रोजेक्ट की जांच करेगा। रेरा सचिव राजेश कुमार त्यागी ने बताया कि गौतम बुद्ध नगर स्थित एम 3 एम इंडिया प्रालि. की परियोजना नोएडिया द्वारा रेरा अधिनियम की अवहेलना की जानकारी मिली थी। जांच में पाया गया कि समूह ने इस परियोजना का रजिस्ट्रेशन रेरा में कराने की प्रक्रिया पूरी किए बिना ही प्रचार प्रसार कर रहा है।
ऐसे में परियोजना की कुल लागत का 10 प्रतिशत जुर्माना और तीन साल तक की सजा हो प्रमोटर्स को हो सकती है। रेरा प्राधिकरण ने बताया कि प्रारंभिक जांच में इस बात के साक्ष्य मिले है कि वो लगातार अपनी परियोजना को विभिन्न माध्यम से जन सामान्य तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं।
चार दिन पहले ही यमुना विकास प्राधिकरण ने कदम ग्रुप, एम थ्री एम बिल्डर और इंडिया बुल को दो सौ करोड़ रुपये का नोटिस जारी किया है। इन पर सेक्टर-128 में 73 एकड़ जमीन प्राधिकरण की बिना अनुमति के बेचने का आरोप है।
दरअसल, जेपी इंफ्राटेक को नोएडा के सेक्टर-128 में एलएफडी के तहत पांच सौ हेक्टेयर जमीन दी गई थी। इसमें से कदम ग्रुप ने 73 एकड़ जमीन जेपी इंफ्राटेक से खरीदी थी। बाद में इस जमीन को पहले इंडिया बुल व बाद में एम थ्री एम समूह की कंपनी को बेच दिया गया। लेकिन प्राधिकरण से इसके लिए टीएम ट्रांसफर मेमोरेंडम नहीं कराया गया और शुल्क का भी भुगतान नहीं किया गया। नौ अप्रैल को शिप्रा समूह (कदम) की ओर से गाजियाबाद में इंडिया बुल्स, एम 3 एम कंपनी के 18 अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ। इसके बाद प्राधिकरण को यह जानकारी सामने आई।