प्रयागराज। बहुचर्चित उमेश पाल हत्याकांड मामले में वांछित चल रहे नफीस बिरयानी पर 50 हजार रूपए का इनाम घोषित कर दिया गया है।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि धूमनगंज थाने में दर्ज मुकदमें में आरोपित नफीस का नाम बढ़ाने के बाद पुलिस उसकी तलाश कर रही थी, लेकिन गिरफ्तारी नहीं होने पर पुलिस कमिश्नर रमित शर्मा ने शनिवार शाम उसके खिलाफ 50 हजार का इनाम घोषित किया।
उन्होंने बताया कि माफिया से नेता बने अतीक अहमद का भाई खालिद अजीम उर्फ अशरफ का मित्र खुल्दाबाद गुलाबबाड़ी निवासी नफीस की क्रेटा कार उमेश पाल और उसके दो सरकारी सुरक्षाकर्मियों की हत्या में इस्तेमाल की गयी थी। हत्या के दूसरे दिन 25 फरवरी को पुलिस ने माफिया अतीक अहमद के मकान के पास से बरामद किया था। इसी कार पर अतीक का बेटा असद अपने साथियों के साथ सवार होकर धूमनगंज के सुलेमसराय में हत्याकांड को अंजाम देने पहुंचा था।
उन्होने बताया कि शुरूआती छानबीन में कार नफीस के रिश्तेदार रूखसार नामक व्यक्ति को बेचा गयी है लेकिन बाद में ज्ञात हुआ कि वास्तव में इसका मालिक नफीस है।
गौरतलब है कि 25 जनवरी 2005 को बहुजन समाज पार्टी (बसपा) विधायक राजू पाल की हत्या के मुख्य गवाह उमेश पाल की पिछली 24 फरवरी को हुई हत्या के मामले में नौ लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। अतीक अहमद, अशरफ, अतीक की पत्नी शाइस्ता परवीन और बेटो समेत गुड्डु मुस्लिम, अरमान, गुलाम, और साबिर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की 15 अप्रैल की रात करीब 10.30 बजे कॉल्विन अस्पताल में गलियों से छलनी कर दिया। दोनो की मौके पर मौत हो गयी। पुलिस ने लवलेश तिवारी, अरूण मौर्य और मोहित उर्फ सनी सिंह को गिरफ्तार कर लिया।
फरार चल रहे अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता पर 50 हजार, बेटा असद, गुड्डु मुस्लिम, अरमान, गुलाम, और साबिर पर पांच-पांच लाख का इनाम घोषित किया है। पुलिस और एसटीएफ के साथ एक मुठभेड में असद को झांसी में
13 अप्रैल को मार दिया गया था।