दरभंगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को यहां कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राजद के तेजस्वी यादव के नाम लिए बिना उन पर निशाना साधते हुए कहा कि दिल्ली में जिस तरह एक शहजादा है, उसी तरह पटना में भी एक शहजादा है। दोनों के रिपोर्ट कार्ड एक जैसे हैं – एक पूरे देश को तो दूसरा पूरे बिहार को अपनी जागीर समझता है। इनके रिपोर्ट कार्ड में घोटालों और बेलगाम कानून-व्यवस्था के अलावा और कुछ नहीं है। आज नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए सरकार बिहार के विकास के लिए काम कर रही है।
उन्होंने राजद पर तुष्टीकरण का आरोप लगाते हुए कहा कि इनका इतिहास ही सामाजिक न्याय का मुखौटा लगाकर तुष्टीकरण का रहा है। उन्होंने लालू प्रसाद यादव का नाम लिए बिना कहा कि “पटना के शहजादे के पिता जब रेल मंत्री थे तब कार सेवकों को जिंदा जलाने वालों को बचाने की कोशिश की थी”।
दरभंगा के राज मैदान में भाजपा प्रत्याशी गोपाल जी ठाकुर के पक्ष में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमन्त्री ने गुजरात के चर्चित गोधरा कांड की भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि जब गोधरा में कारसेवकों को जिंदा जलाया गया था तब रेल मंत्री ने दोषियों को बचाने के लिए एक समिति बनाई। उस समय कांग्रेस की सरकार थी और “सोनिया गांधी का राज था”। समिति से इन लोगों ने ऐसी रिपोर्ट लिखवाई की कारसेवकों को जलाने वाले निर्दोष छूट जाएं। लेकिन, अदालत ने उनकी रिपोर्ट को मानने से इनकार कर दिया और उन सब को सजा सुनाई गई जिन्होंने कारसेवकों को जिंदा जला दिया था।
उन्होंने जोर देकर कहा कि दुनिया को पता था कि कार सेवकों को जिंदा जलाया गया था, लेकिन फर्जी रिपोर्ट बनवाकर कर सेवकों पर ही दोष मढ़ने की साजिश रची गई थी। इन लोगों का यही इतिहास है इसलिए आज यह तय करना है कि हमें बिहार को फिर से लालटेन के दौर में नहीं जाने देना है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि राजद ने अब सेना में भी हिन्दू मुसलमान करना शुरू कर दिया है। मां भारती की रक्षा के लिए सीने पर गोली खाकर शहीद होने वाला हर सैनिक भारतीय होता है, लेकिन राजद के लोग उन्हें भी हिंदू-मुसलमान की नजर से देखते हैं। उन्होने सवालिया लहजे में कहा कि क्या अब्दुल हमीद को हम इसलिए याद करते हैं कि वह एक मुसलमान थे। ये ऐसे लोग हैं जिन्होंने सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाया और एयर स्ट्राइक पर संदेह जताया। ये सेना प्रमुख को भी गाली देते हैं। ये किस को खुश करने के लिए किसके इशारे पर कर रहे हैं, जनता सब जानती है।
पीएम ने अयोध्या में राममन्दिर निर्माण का उल्लेख करते हुए कहा कि अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो रही थी, तब “मैंने कहा था कि अब भारत आने वाले एक हजार वर्षों का भविष्य लिखेगा, कई बार इतिहास की एक घटना भी कई शताब्दियों का भाग्य तय कर देती है”। उन्होंने कहा कि चाहे दरभंगा का एयरपोर्ट हो, रेलवे स्टेशन हो, अमृत भारत ट्रेन हो या आधुनिक सड़कें हों, हर तरफ काम तेजी से हो रहा है। दरभंगा एम्स की दिक्कतों को भी दूर किया जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट लहजे में कहा कि जब विकास की बुनियाद मजबूत होती है तभी उद्योग और रोजगार पैदा होते हैं।
धर्म के आधार पर आरक्षण के मामले पर प्रधानमन्त्री ने कांग्रेस और राजद को घेरा। उन्होंने कहा कि लंबी चर्चा के बाद हमारा संविधान बना। बाबा साहेब आंबेडकर, डॉ. राजेंद्र प्रसाद जैसे बड़े-बड़े विद्वानों ने धर्म के आधार पर आरक्षण पर लंबी चर्चा की। उन्होंने 77 साल पहले तय किया कि हमारे देश में धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दे सकते हैं। देश को फिर से नहीं बांट सकते हैं। बाबा साहेब ने इसके खिलाफ खुलेआम वकालत की। पंडित नेहरू ने भी धर्म के आधार पर आरक्षण का विरोध किया था।
उन्होंने कहा कि आज जब गरीब एससी, एसटी, ओबीसी का कांग्रेस से मोह भंग हो गया है, तब वह दलित, आदिवासी और ओबीसी कोटे को कम करके धर्म के आधार पर मुस्लिमों को आरक्षण देने में लगी हुई है। इस साजिश में राजद भी कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है।
प्रधानमंत्री ने आगे लालू प्रसाद पर निशाना साधते हुए कहा कि बिहार के शहजादे के पिता मुस्लिमों को मौजूदा आरक्षण में से कोटा देने की मांग की थी। उन्होंने कहा कि वे जब रेल मंत्री थे तब रेलवे में मुसलमानों को कोटा देने की मांग की थी।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस और उसके सहयोगी दलों को लिखित में आश्वासन देने की चुनौती दी कि एससी, एसटी और ओबीसी का आरक्षण छीनकर मुसलमानों को नहीं देंगे।
पीएम ने साफ कहा कि ये एससी, एसटी, ओबीसी का हक छीनकर मुस्लिमों को देना चाहते हैं। ये डाका डालने की फिराक में हैं। यो लोग धर्म के आधार पर मुसलमानों को आरक्षण देने के लिए यादव, कुर्मी, पासवान, मुसहर, रविदास जैसे तमाम दलित-पिछड़े समाज के लोगों का आरक्षण काटना चाहते हैं। इस दौरान हालांकि लोगों को भरोसा देते हुए कहा कि “जब तक मोदी जिंदा है तब तक एससी, एसटी, ओबीसी के आरक्षण से कोई खिलवाड़ नहीं कर सकता”।
उन्होंने कोरोना काल की भी चर्चा की। कोरोना काल में बिहार के लोगों के साथ इंडी गठबंधन वालों ने गलत किया था। महाराष्ट्र समेत जिन राज्यों में इंडी गठबंधन की सरकार थी, वहां से बिहार के लोगों को भगा दिया गया। बिहार के लोगों को बसों में बैठाकर बीच रास्ते में छोड़ दिया गया। उन्होंने लोगों से इस चुनाव में ऐसे लोगों से बदला लेने की अपील की।
उन्होंने मिथिला के लोगों को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए भी बधाई दी।
उन्होंने ‘विरासत टैक्स’ को लेकर भी कांग्रेस को घेरा। उन्होंने कहा, “दिल्ली वाले शहजादे एक नई बात लेकर आए हैं। हमारे परिवार में मां-बाप अपने बच्चों के लिए कुछ न कुछ बचाते हैं। कांग्रेस ऐसा कानून बनाना चाहती है कि आपके मां-बाप की संपत्ति आपको नहीं मिल पाएगी। केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनी तो वह आधा घर-खेत आदि विरासत छीन लेगी। कांग्रेस 55 प्रतिशत विरासत का टैक्स का फतवा लाना चाहती है।” पीएम ने जनता से सवाल किया कि क्या ने ऐसा होने देंगे।
प्रधानमन्त्री ने झंझारपुर के जदयू उम्मीदवार रामप्रीत मंडल, समस्तीपुर से लोजपा (आर) की उम्मीदवार शांभवी चौधरी, दरभंगा के उम्मीदवार डॉ. गोपाल जी ठाकुर और मधुबनी से भाजपा के अशोक कुमार यादव को भारी संख्या में वोट देने की अपील की। उन्होंने भरोसा दिलाया कि जनता एनडीए के उम्मीदवार को जो वोट देगी वह “सीधे मोदी के खाते में जाएगा। मोदी को मजबूती मिलेगी और मोदी पांच साल और जनता की सेवा कर सकेगा”।
उन्होंने जलपान से पहले मतदान करने की भी लोगों से अपील की।