नोएडा। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर मिनी रिमोटली ऑपरेटेड व्हीकल (एमआरओवी) की सहायता से सुरक्षा बल बिना जान जोखिम में डाले संदिग्ध वस्तुओं की जांच और आपातकालीन परिस्थितियों में त्वरित प्रतिक्रिया देने में सक्षम होंगे। यह स्वदेशी रूप से विकसित उन्नत रोबोटिक सिस्टम भारत की सिक्योरिटी डिफेंस सिस्टम कंपनी ने तैयार की है। पहले चरण में एयरपोर्ट पर ऐसे छह एमआरओवी तैनात किए जाएंगे। इससे यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी और देश की रक्षा तकनीक में आत्मनिर्भरता को भी बढ़ावा मिलेगा।
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नोएडा एयरपोर्ट की सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) नेटवर्क को साइबर हमले से सुरक्षित रखने और प्रौद्योगिकी संचालन की रियल टाइम निगरानी की जिम्मेदारी अमेरिकी आईटी कंपनी किंड्रिल की है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस संचालित ओपन इंटीग्रेशन प्लेटफार्म सिस्टम से व्यवस्था परखी जाएगी और किसी भी संभावित तकनीकी समस्या का समाधान किया जाएगा। कंपनी तकनीकी कार्यों में साइबर अपराधियों की सेंधमारी व अन्य तकनीकी गड़बड़ी समेत अन्य संभावित समस्याओं के निदान के लिए विशेष आइटी नेटवर्क तैयार कर रही है।
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एमआरओवी ने प्रदर्शन के दौरान बताया गया कि बमों की पहचान करने और उसे निष्क्रिय करने के लिए नोएडा एयरपोर्ट पर रोबोटिक सिस्टम लगाया जाएगा। इसे सिक्योरिटी डिफेंस सिस्टम ने तैयार किया है यह अत्याधुनिक सिस्टम विशेष रूप से विमान, ट्रेन, मेट्रो जैसी जगहों में ऑपरेशन के लिए डिजाइन किया गया है। इसके 90 प्रतिशत से अधिक पुर्जे स्वदेशी हैं। इस कारण यह किफायती है।
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चार-पहिया एमआरओवी, किसी भी इलाके में काम करने में सक्षम है। इसके रोबोटिक आर्म 20 किलो तक की वस्तु 2.5 मीटर और 9 किलो तक की वस्तु चार मीटर दूर से उठा ले जा सकते है. इसके वाटर जेट डिसरप्टर तकनीक से बम तुरंत निष्क्रिय किया जा सकता है। उच्च स्तरीय कैमरे, नाइट विजन और न्यूक्लियर, बायोलॉजिकल, केमिकल रेकनाइसेंस तकनीक से युक्त होने के साथ-साथ पोर्टेबल एक्स-रे डिवाइस और शॉटगन से लैस है। इसे 500 मीटर दूर से रिमोट कंट्रोल से आपरेट किया जा सकता और इसके बैटरी बैकअप तीन घंटे का है।