जयपुर। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के खिलाफ चार सालों में भ्रष्टाचार के विभिन्न आरोपों में गहलोत सरकार की निष्क्रियता पर सवाल उठाते हुए कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने रविवार को घोषणा की कि वह 11 अप्रैल को एक दिन का उपवास करेंगे। इस दिन को महात्मा ज्योतिराव फुले जयंती के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अपनी ही सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा, ‘मैंने पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के खिलाफ मुख्यमंत्री गहलोत से शिकायत की थी, लेकिन गहलोत ने कोई कार्रवाई नहीं की। दरअसल, मैंने कार्रवाई की मांग करते हुए पत्र भी लिखा था। हालांकि, कोई कार्रवाई नहीं हुई।’ इसके विरोध में मैं 11 अप्रैल को जयपुर में शहीद स्मारक पर एक दिवसीय उपवास पर जाऊंगा, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि हम जो उपदेश देते हैं, उसका पालन करें।
पायलट ने कहा, वसुंधरा सरकार में भ्रष्टाचार पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। विपक्ष में रहते हुए हमने वादा किया था कि जांच कराई जाएगी। जब चुनाव में 6-7 महीने बचे हैं, तो सवाल उठ सकते हैं कि क्या गहलोत और राजे के बीच कोई गठबंधन है। यह साबित करने के लिए जल्द ही कार्रवाई करनी होगी कि ऐसा नहीं है। ताकि कांग्रेस कार्यकर्ताओं को लगे कि हमारी कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं है।’
पायलट ने कहा, ‘वसुंधरा सरकार के दौरान विपक्ष में रहते हुए हमने 45 हजार करोड़ रुपये के घोटालों को लेकर आवाज उठाई थी और वादा किया था कि हमारी सरकार आएगी और निष्पक्ष तरीके से इन घोटालों की जांच करेगी और दोषियों को सजा देगी।’
उन्होंने कहा, मैंने कभी दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई के लिए नहीं कहा, लेकिन विपक्ष के रूप में हमारी विश्वसनीयता बनाए रखनी है। मैंने सीएम गहलोत से अनुरोध किया था। पहला पत्र 28 मार्च, 2022 को लिखा था। उस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली। फिर 2 नवंबर 2022 को एक और पत्र लिखा। उस पर भी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। पिछले कुछ समय से केंद्र सरकार विपक्ष के लोगों को निशाना बना रही है। जिन नेताओं को नोटिस दिया गया या ईडी ने छापेमारी की उनमें 95 फीसदी नेता विपक्ष के हैं।
उन्होंने कहा, क्या कारण है कि दोबारा सत्ता में आने के बावजूद हमने विपक्ष में रहते हुए जो आरोप लगाए, उन पर कोई कार्रवाई नहीं की। जब हम दोबारा चुनाव में जाएं, तो लोग हम पर विश्वास करें, इसलिए यह जरूरी है कि हम कुछ कदम उठाएं।
उन्होंने कहा, अशोक गहलोत और मैंने एक साथ आरोप लगाए थे, जब तक हम निष्पक्ष आरोप नहीं लगाते हैं, हम यह सुनिश्चित नहीं कर सकते कि क्या सच है। अगर जांच में यह सामने आता है कि कोई दोषी नहीं था, तो हम मान लेंगे कि गहलोतजी और मैं झूठे थे। जब तक मामला दर्ज नहीं होगा, लोग कैसे मानेंगे कि हमारे द्वारा लगाए गए आरोप सही हैं या गलत?
राजस्थान को लेकर मैंने आलाकमान को जो सुझाव दिए थे, उनमें से एक सुझाव यह था कि भ्रष्टाचार और घोटालों के जो आरोप हमने विपक्ष में रहते हुए उठाए थे, उन पर कार्रवाई होनी चाहिए। लेकिन साढ़े चार साल बीत जाने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसलिए लोग सोच सकते हैं कि हमने केवल राजनीति को भुनाने के लिए आरोप लगाए हैं।
मैंने सीएम अशोक गहलोत को पत्र लिखा था। अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। 11 अप्रैल को प्रसिद्ध समाज सुधारक महात्मा ज्योतिराव फुले की जयंती है, उसी दिन मैं शहीद स्मारक पर एक दिन का अनशन करूंगा। उन्होंने जिला प्रशासन को इसकी सूचना दे दी है।