संभल- जिले में 24 नवंबर को जामा मस्जिद में सर्वे के दौरान हुई हिंसा के बाद सोमवार को पहली बार समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क संभल पहुंचे हैं। सांसद पर हिंसा भड़काने और बिजली चोरी के आरोप में मुकदमा दर्ज हुआ। सांसद ने पत्रकारों से बताया कि उन्होंने अपने खिलाफ दर्ज झूठे मुकदमें के विरूद्ध इलाहाबाद उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की है। उच्च न्यायालय जनवरी के पहले सप्ताह में इस याचिका पर सुनवाई कर सकता है।
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संभल की निचली अदालत में जामा मस्जिद में हरिहर मंदिर का दावा पेश करने के बाद एडवोकेट कमिश्नर ने टीम के साथ 19 नवंबर को जामा मस्जिद में सर्वे किया। रात का समय और भीड़ को देख सुरक्षा कारणों से सर्वे कार्य को बीच में ही स्थगित कर दिया था। इसके बाद ही 22 नवम्बर को जामा मस्जिद में जुमे की नमाज के बाद सांसद जियाउर्ररहमान
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बर्क ने वहां मौजूद नमाजियोें को संबोधित किया। मस्जिद का सर्वे कराने को लेकर सीधे-सीधे चुनौती दी थी। एक दिन बाद रविवार 24 नवंबर को टीम ने मस्जिद में सर्वे करना प्रारंभ कर दिया था और कुछ देर बाद जामा मस्जिद क्षेत्र में 700-800 लोगों की जुटी भीड़ उग्र हो गई थी। जिसने एक भयानक हिंसा का रूप ले लिया था। इस दौरान गोलीबारी के साथ पथराव हुआ था। हिंसा में जहां पांच युवकों की मौत हो गई थी, वहीं अनेकों पुलिस कर्मी चोटिल भी हो गए थे।
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इसके बाद 19 दिसंबर को बिजली विभाग की एक टीम पुलिस बल और रैपिड एक्शन फोर्स के साथ सपा सांसद के आवास पर गई थी। सांसद बर्क और पूर्व सांसद के नाम से दो अलग-अलग मीटर लगे थे। जिनकी क्षमता दो-दो किलोवाट
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थी। टीम ने घर का लोड और घर में लगे विद्युत उपकरणों को चेक किया था तो उसमें कई अनियमितताएं मिलीं। सांसद के आवास के मीटर की रीडिंग, एसी, पंखे और अन्य बिजली उपकरणों के लोड की भी जांच की गयी। बिजली मीटर का लोड निर्धारित लोड से अधिक था। इस मामले में भी सांसद के खिलाफ केस दर्ज हुआ था।