झांसी। झांसी में बुधवार सुबह एसडीएम के भाई का शव फंदे पर लटका मिला है। वे दुकान चलाते थे और खेती भी करते थे। प्रशासन ने उनकी 2 दुकानें गिरा दी थी। इससे वे परेशान थे। उसके बाद बारिश और ओलावृष्टि से उनकी फसल खराब हो गई। इससे वह डिप्रेशन में आ गए। इसके चलते उन्होंने फांसी लगा ली।
छोटे बेटे की नींद खुली तो पिता के कमरे में जाकर देखा। पिता अंदर कुंड़े पर रस्सी के सहारे लटके हुए थे। खिड़की तोड़कर उनको फंदे से नीचे उतारा गया। लेकिन तब तक पिता की मौत हो चुकी थी। पूरा मामला पूंछ का है। पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम की कार्रवाई शुरू कर दी है।
जानकारी के मुताबिकमृतक का नाम राममोहन (54) है। वह पूंछ के रहने वाले थे। मृतक के बेटे पुरुषार्थ ने बताया कि “नाला पट्टी पर 18 दुकानें बनी हुई थी। इसमें से दो दुकाने मैं और पिता 15 साल से चला रहे थे। एक में जूता-चप्पल और दूसरी दुकान में कॉस्मेटिक का सामान रखे हुए थे। पहले हम लोग गांव के एक व्यक्ति को किराया दिया करते थे।
कुछ समय पहले पता चला कि ये सभी दुकान ग्राम पंचायत की जमीन पर बनी है। जुलाई 2023 में प्रशासन ने सभी 18 दुकानों को तोड़ दिया था। इसके बाद मैं और पिता बेरोजगार हो गए थे। पिछले दिनों बारिश और ओलावृष्टि होने से फसल भी खराब हो गई। इससे पिता डिप्रेशन में आ गए थे।”
बेटे ने आगे बताया कि “दुकानें टूटने के बाद सभी दुकानदार परेशान थे। विधायक और सांसद से दुकान की जगह लोहे का डिब्बा रखवाने की मांग की थी। जनप्रतिनिधियों ने भरोसा दिया तो सभी लोग 8 माह से भटक रहे थे। दो दिन पहले ही दुकानदारों ने मोंठ एसडीएम को ज्ञापन दिया था। लेकिन 8 माह से कोई पॉजीटिव रिस्पॉन्स नहीं मिल रहा था।
मंगलवार रात को पिता खेत से लौटकर आए। इसके बाद वे बिना खाना खाए ही सो गए। रात एक बजे तक मैं जागता रहा, तब तक ठीक रहा। इसके बाद सुबह 3 से 4 बजे के बीच वह दूसरे कमरे में चले गए और फांसी लगा ली।”