Saturday, February 1, 2025

मुज़फ्फरनगर में फर्जी बताये गए अस्पतालों की सील खुली, ग्रामीण इलाकों में तेजी से खुल रहे है फर्जी अस्पताल

चरथावल – पिछले दिनों चरथावल के दो अस्पतालों में डिग्री व मानक पूरे न होने पर लगाई गयी सील खोल दी गयी है , सील के समय फर्जी बताये गए अस्पताल कुछ ही दिन बाद कैसे जायज हो गए है इसे लेकर इलाके में चर्चाओं का बाज़ार गर्म है।

भाजपा सरकार में भी क्षेत्र में फर्जी अस्पतालों की बाढ़ सी आ गयी है। हालत यह है कि हर महीने एक नया अस्पताल खुल जाता है और बड़े-बड़े बोर्ड लगाकर मरीजों को जमकर लुभाया जाता है और बिना डिग्री धारक यह डॉक्टर बड़ी-बड़ी बिल्डिंग बनाकर भोली-भॉली जनता का जमकर शोषण कर रहे है। केंद्र और राज्य की सरकारे जहां आम जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देना चाहती है और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों सहित ग्रामीण अंचलों में स्थित स्वास्थ्य केंद्रों पर भी आम जनमानस को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं सरकार द्वारा आम जनता को दी जा रही है।

वही चरथावल क्षेत्र फर्जी अस्पतालों का गढ़ सा बन गया है और हालत यह है कि पांच से छ माह तक किसी भी डॉक्टर के पास रहकर नौसिखियों द्वारा अपना अस्पताल खोल लिया जाता है। वही इन फर्जी अस्पतालों पर आए दिन हंगामे होने की बात आम हो गयी है। इस अस्पतालों पर फर्जी डॉक्टरों द्वारा भोली-भाली जनता का इलाज किया जाता है, जिससे आए दिन कोई न कोई केस बिगड़ता रहता है, जिसके बाद मरीज के परिजन हंगामा करने को मजबूर हो जाते है।

हालत यह है कि दूसरे क्षेत्रों से भी आकर फर्जी डॉक्टरों द्वारा चरथावल क्षेत्र में अस्पताल खोलने की होड़ सी मची हुई है। वही मरीजो का केस बिगडऩे के बाद जहाँ हंगामा होने पर कोई अधिकारी आकर मात्र खानापूर्ति कर चले जाते है और एक या दो सप्ताह बाद यह चिकित्सक फिर उसी ढर्रे पर लौट आते है।

डॉक्टरी की डिग्री हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत के साथ महंगी फीस भी देनी पड़ती है और उसके बाद तब जाकर चिकित्सक की डिग्री मिल पाती है, लेकिन चरथावल क्षेत्र में हालत इसके जुदा है और यहां पर अच्छी सी बिल्डिंग देखकर उस पर बोर्ड लगाकर कोई भी डॉक्टर बनकर जनता के स्वास्थ्य के साथ जमकर खिलवाड़ कर सकता है, इन झोलाछाप डॉक्टरों को अस्पताल खोलने की अनुमति कौन देता है, यह तो वही जाने, लेकिन क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टरों और फर्जी अस्पतालों की बाढ़ आने से इतना तय है कि चरथावल क्षेत्र में यह फर्जी डॉक्टर खुलेआम अपनी मनमानी कर रहे है।

इतने हंगामे और मरीजो को असमय मौत की नींद सुलाने पर भी इन फर्जी डॉक्टरों पर कोई कार्यवाही नहीं होने से जनता परेशान आ चुकी है। क्या इन फर्जी अस्पतालों पर कार्यवाही करने की हिम्मत भाजपा जैसी सख्त सरकार में भी किसी अधिकारी की नहीं हो रही है या फिर इसके पीछे भाजपा के किसी बड़े नेता का हाथ है। कारण चाहे जो भी हो, लेकिन चाहे कितने हंगामे-धरने कर लो इन फर्जी अस्पतालों पर कोई कार्यवाही नहीं की जायेगी।[ फोटो-प्रतीकात्मक ]

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