मेरठ। मेरठ के शहरकाजी प्रोफेसर जैनुल साजिद्दीन का आज सुबह इंतकाल हो गया है। इससे मेरठ के सभी तबकों में शोक की लहर है। मुस्लिम भारी संख्या में लोग उनके घर पहुंचे हैं। इनमें हिंदू भी शामिल हैं। हिंदू और मुस्लिम के बीच जब भी कभी कोई तनाव हुआ तो शहरकाजी प्रोफेसर जैनुल साजिद्दीन ने दोनों को जोड़ने के लिए एक सेतु के रूप में काम किया।
बता दें कि सुबह अचानक काजी के सीने में दर्द होने के बाद उनको सुबह धनवंतरी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जिसमें बाद करीब 10 बजे उन्होंने अतिंम सांस ली। बता दें कि रविवार को उन्होंने समाज के लोगों से होली के चलते जुमे की नमाज ढ़ाई बजे पढ़ने की अपील की थी।
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प्रोफेसर जैनुल साजिद्दीन मदरसा बोर्ड के अध्यक्ष रहे। उन्हें राष्ट्रपति अवार्ड मिल चुका था। वे अलीगढ़ यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर रहे। प्रोफेसर साजिद्दीन के पिता काजी जैनुल आबिद्दीन भी शहर काजी रहे। छोटे भाई जैनुल राशिद्दीन नायब शहर काजी हैं। शहर काजी के एक बेटे हैं।
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शहरकाजी प्रशासन और पुलिस के साथ हर समय मदद को खड़े होते थे। जब भी मेरठ पुलिस प्रशासन को शहर में अमन कायम करने में कोई परेशानी आती थी तो शहरकाजी प्रोफेसर जैनुलसाजिद्दीन हर संभव मदद को तैयार होते थे।
शहरकाजी प्रोफेसर जैनुलसाजिद्दीन का मुस्लिम तबकों के बीच इतना असर था कि उनकी एक अपील पर सब मान जाते थे।