नोएडा। सुप्रीम कोर्ट के फटकार के बाद नोएडा प्राधिकरण के मुआवजा वितरण घोटाले की जांच के लिए तीन सदस्य विशेष जांच दल हरकत मे आ गया है। दल आज भी जांच कर रहा है। यह दल कल से नोएडा में कैंप किए हुए हैं। एसआईटी की जांच में प्राधिकरण में तैनात कई तत्कालीन अधिकारी रडार पर आ गए हैं। जांच के पहले चरण में 100 करोड रुपए की घोटाले और दो-तीन अधिकारियों के नाम सामने आने की बात कही जा रही है।
सूत्रों की माने तो पहले दिन करीब 200 ऐसी फाइले खंगाली गई है जिन पर पहले सही सवाल उठे थे। आज एसआईटी की टीम ने कई फाइले तालब की। तथा उनकी जांच शुरू की गई है। एसआईटी के अध्यक्ष हेमंत राव के नेतृत्व में जांच की जा रही है। बताया जा रहा है कि वर्ष 2010 से अब तक की फाइलों की जांच शुरू की गई है। नोएडा प्राधिकरण के कामकाज पर निगाह रखने वाले जानकारों का दावा है कि नोएडा के मुआवजा घोटाले की ठीक से जांच हो गई तो यह घोटाला हजार करोड़ रूपये से ज्यादा का होगा। नोएडा में हुए मुआवजा घोटाले की जांच के लिए विशेष जांच दल का गठन किया गया है। एसआईटी का नेतृत्व उत्तर प्रदेश राजस्व बोर्ड के चेयरमैन हेमंत राव को सौंपा गया है। उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ आईएएस अफसर हेमंत राव ही पूरी एसआईटी की टीम के प्रमुख हैं।
नोएडा क्षेत्र में हुए मुआवजा घोटाले की जांच में दो दर्जन से अधिक गांवों की जमीन के अधिग्रहण की जांच की जानी है। जिन गांवों में मुआवजा घोटाला होने की बात सामने आई है उनमें बादौली बांगर, बादौली खादर, सुथियाना, कुंडली बांगर, छिजारसी, रोहिल्लापुर, सुल्तानपुर, याकूबपुर, बेगमपुर, छपरौली बांगर, सदरपुर, लखनावली, बहलोलपुर, चोटपुर, नगली-नगला, सलारपुर, हल्दौनी, झटटा, शाहपुर-गोवर्धनपुर खादर, गुलावली, रायपुर खादर, छलेरा बांगर, गेझा तिलपताबाद, गढ़ी चौखंडी, पर्थला-खंजरपुर, नलगढ़ा, शहदरा, सोरखा-जाहिदाबाद, असगरपुर जागीर आदि गांव शामिल हैं।