मुजफ्फरनगर। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय पर भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक द्वारा दिया जा रहा धरना वार्ता के बाद समाप्त हो गया है। सभी बिंदुओं पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने थानाध्यक्षों को निर्देश जारी कर दिए हैं।
भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक द्वारा वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्यालय पर दिया जा रहा धरना आज एसएसपी से वार्ता के उपरांत समाप्त हो गया। भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक के एक प्रतिनिधिमंडल ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक से वार्ता कर उन्हें जनपद की समस्याओं से अवगत कराया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने सभी बिंदुओं पर गंभीरता दिखाते हुए थानाध्यक्षों को एक आदेश जारी कर आश्वस्त करते हुए कहा कि अगर थानाध्यक्ष इन विषयों पर हीलाहवाली करेंगे, तो इनके खिलाफ कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने धरना समाप्त करने की अपील की, जिस पर प्रतिनिधिमंडल ने धरना समाप्त करने का निर्णय लिया।
प्रतिनिधिमंडल में अंकित चौधरी, अक्षय त्यागी, पिंटू ठाकुर, नीरज मलिक, शहजाद राव, बब्बल ठाकुर, शमीम, दुष्यन्त मलिक सहित कई लोग शामिल रहे।
किसान नेताओं ने बताया कि जनपद में पुलिस का जनता के प्रति खराब व्यवहार होने की शिकायतें मिलती रहती है, जबकि पुलिस को हमेशा विनम्र और शिष्ट होना चाहिए। पुलिस में ईमानदारी सत्यनिष्ठा पुलिस की प्रतिष्ठा का मूल आधार है, लेकिन जनपद में पुलिस में भ्रष्टाचार की शिकायतें बढ़ती जा रही है। जनपद में अधिकतर थाना प्रभारी व पुलिस अधिकारी सरकारी नंबर यानी सीयूजी फोन नहीं उठाते है, जबकि जनता से सीधा संवाद, जनसुनवाई, समय पर सूचना मिलने और तत्काल मौके पर पुलिस के पहुंचने के उद्देश्य से पुलिस को सीयूजी मोबाइल नंबर जारी कराए गए हैं।
जनपद में कुछ पुलिसकर्मी पेशेवर अपराधियों व सटोरियों को बचाने या संरक्षण देने में जुटे रहते हैं। पुलिस की ओर से जिलाबदर जैसी कार्रवाई के प्रकरणों के लंबे अरसे तक लंबित रहने का पूरा फायदा, पेशेवर अपराधी, सटोरिये उठाते हैं। पुलिस कई कार्य भीड़ तंत्र के दबाव में भी कर रही है, जिससे पीडि़तों को न्याय नहीं मिल पा रहा है। कुछ पुलिस वाले सटोरियों के अनुचित लाभ के प्रभाव में आ जाते हैं, इस कारण उनके विरुद्ध कार्रवाई ही नहीं करते है, इसलिए जहां पुलिस का संरक्षण मिलने की घटनायें है, वहां भी इस पर तुरंत रोक लगनी चाहिए।