Tuesday, December 24, 2024

खतौली में युवती से छेड़छाड़, एसएसपी ने की सख्ती, पर पीड़िता ने नहीं दी तहरीर,थाना पुलिस ने कर लिया खेल !

खतौली। युवती के साथ छेडख़ानी करने वाले आरोपी युवकों के परिजनों के शर्मिंदा होकर लिखित में माफी मांगने के बाद प्रकरण का पटाक्षेप भले ही हो गया है, लेकिन इस प्रकरण में लाल नीली पट्टी द्वारा एक पेटी डकारने की चर्चा कस्बे में चारों और फैली है।

जानकारी के अनुसार बुधवार शाम को बाईक सवार दो मनचलों ने स्टेशन रोड पर एक युवती के साथ छेडख़ानी की थी। बताया गया कि बीते कई दिनों से छेडख़ानी किए जाने से आक्रोशित युवती के परिजनों ने स्टेशन रोड के व्यापारियों के सहयोग से दोनो मनचलों की मरम्मत करने के पश्चात इन्हें पुलिस को सौंप दिया था। इस प्रकरण में भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश स्तर के एक पदाधिकारी ने एसएसपी संजीव सुमन से संपर्क करके आरोपी युवकों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही किए जाने की मांग की थी।

मामला एसएसपी के संज्ञान में आने के बाद कोतवाली पुलिस द्वारा आरोपी युवकों के विरुद्ध तहरीर मांगे जाने पर युवती के परिजनों ने बैकफुट पर आकर तहरीर देने से मना कर दिया था। बताया गया कि एसएसपी द्वारा दबाव बनवाए जाने के बावजूद पीडि़त युवती के परिजनों के आरोपी युवकों के विरुद्ध तहरीर न देने से झल्लाए साहब की भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश स्तरीय पदाधिकारी के साथ फोन पर हॉट टॉक तक हो गई थी।

युवती के परिजनों द्वारा तहरीर ना देने से आरोपी युवकों के परिजनों की बांछे खिल गई थी, क्योंकि तहरीर न आने से आरोपी युवकों के विरुद्ध शांति भंग की धारा में चालान होने के अलावा और कोई मामला बन नहीं रहा था।  चर्चा है कि लोकलाज के चलते युवती के परिजनों द्वारा तहरीर देने से हाथ खड़े करने के बाद युवकों को बिना किसी कार्यवाही के छोडऩे की कोई शिकायत न हो, इसके लिए युवती और आरोपी युवकों के परिजनों के बीच लिखित समझौता और डेढ़ पेटी की डिमांड हुई। बताया गया कि आरोपी युवकों के परिजनों द्वारा शर्मिंदा होकर लिखित माफीनामा देने के बाद प्रकरण का पटाक्षेप हो गया। दूसरी और चर्चा है कि लिखित समझौता होने के बावजूद छेडख़ानी के इस प्रकरण में कुछ बिचौलियों द्वारा सौदेबाजी करके एक पेटी इधर से उधर कराने के पश्चात ही आरोपी युवकों को मुक्ति मिली है।

छेडख़ानी के प्रकरण में आरोपी युवकों के आर्थिक दंड झेलकर कुछ ही घंटों में आरोप से बरी हो जाने के चलते शासन के नारी सुरक्षा और सशक्तिकरण अभियान को पलीता ज़रूर लग गया है। एक तरफ शासन द्वारा शिकायत करने पर पीडि़त युवती का नाम पता गोपनीय रखकर आरोपियों के विरुद्ध सख्त कार्यवाही किए जाने का ढिंढोरा पीटा जा रहा है। वही दूसरी तरफ पीडि़त युवती के परिजनों द्वारा लोकलाज़ के डर से तहरीर देने से हाथ खड़े करने पर लाल नीली पट्टी द्वारा आरोपियों के परिजनों से मोटी उतारी करने की चर्चा कस्बे में व्याप्त है।

उल्लेखनीय है कि छेडख़ानी प्रकरण का एक पेटी इधर से उधर खिसकने के पश्चात पटाक्षेप होने की सूचना एक नेताजी द्वारा व्हाट्स ऐप कॉल करके इधर से उधर की गई है, ताकि नेताजी की जान भी बची रहे और खबर भी बन जाए।

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