Saturday, May 10, 2025

सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के रेप केस फैसले पर लगाई रोक, आदेश को बताया असंवेदनशील

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के नाबालिग लड़की के साथ रेप की कोशिश से जुड़े फैसले पर स्वतः संज्ञान लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दिया है। जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि हाई कोर्ट का यह आदेश आश्चर्य भरा है। यह आदेश कानून के सिद्धांतों से पूरी तरह अनभिज्ञ, असंवेदनशील और अमानवीय दृष्टिकोण को दर्शाता है।

 

शामली में भाजपा नेता की गिरफ्तारी से उबाल: माँ ने सरकार पर साधा निशाना, व्यापारियों ने किया बाजार बंद का ऐलान

 

सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार और हाईकोर्ट के संबंधित पक्षकारों को नोटिस जारी किया। सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस आदेश की आलोचना की। सुप्रीम कोर्ट का इस मसले पर ध्यान वकील शोभा गुप्ता के पत्र ने खींचा। उन्होंने हाई कोर्ट के फैसले पर संज्ञान लेने की मांग की थी।

 

मुज़फ्फरनगर में भूमि विवाद को लेकर तनाव, पुलिस पर लगाये गंभीर आरोप

 

दरअसल इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कासगंज के ट्रायल कोर्ट के आदेश को पलटते हए कहा था कि किसी पीड़िता का प्राइवेट पार्ट छूना और उसकी सलवार का नाड़ा तोड़ना रेप या रेप की कोशिश नहीं माना जाएगा बल्कि ये एक गंभीर यौन उत्पीड़न माना जाएगा। कासगंज के ट्रायल कोर्ट के आदेश पर दो आरोपितों को शुरु में भारतीय दंड संहिता की धारा 376 और पॉक्सो एक्ट की दारा 18 के तहत मुकदमा चलाने का आदेश दिया गया था। इला हाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस मनोहर नारायण मिश्रा की बेंच ने ट्रायल कोर्ट के आदेश को पलटते हुए कहा था कि आरोपितों पर भारतीय दंड संहिता की धारा 354बी और पॉक्सो एक्ट की धारा 9 और 10 के तहत मुकदमा चलाया जाए। हाई कोर्ट के इस फैसले की सोशल मीडिया पर काफी आलोचना हुई है।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

80,337FansLike
5,552FollowersFollow
151,200SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय