मेरठ- नेताजी सुभाष चंद्र बोस द्वारा पहली बार आजाद हिंद फौज का ध्वज फहराए जाने की याद में यहां स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय में सोमवार को स्वराज दिवस का आयोजन किया गया जिसमें नेताजी के जीवन, आदर्शों और अखंड भारत के उनके सपने पर चर्चा की गयी।
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इस कार्यक्रम का आयोजन विश्वविद्यालय की नेताजी सुभाष चंद्र बोस पीठ द्वारा प्रति वर्ष 30 दिसंबर को आयोजित किया जाता है। नेताजी ने आज ही के दिन 1943 को नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने पोर्ट ब्लेयर में भारतीय धरती पर पहली बार आजाद हिंद फौज का ध्वज फहराया था और भारत को अंग्रेजों के शासन से स्वतंत्र घोषित किया था।
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इस ऐतिहासिक दिन की याद में स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय के नेताजी सुभाष चंद्र बोस चेयर द्वारा हर साल यह कार्यक्रम आयोजित किया जाता है।
कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के मेरठ प्रांत के प्रचार प्रमुख सुरेंद्र सिंह मुख्य वक्ता रहे और नेताजी सुभाष चंद्र बोस जयंती समारोह समिति, मेरठ के कार्यकारी महासचिव अरुण जिंदल विशिष्ट अतिथि रहे। इस दौरान सुभारती विश्वविद्यालय के संस्थापक और प्रख्यात शिक्षाविद् डॉ. अतुल कृष्ण और विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल (डॉ.) जी.के. थपलियाल, एसएम (सेवानिवृत्त) मौजूद रहे।
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डॉ. अतुल कृष्ण ने कार्यक्रम में नेताजी के अखंड भारत के सपने को साकार करने के लिए एक ऐसे अखंड भारत गणराज्य के लिए राजी करने का प्रयास करने का सुझाव दिया जिसमें भारत और भारत से पृथक हुए भूभांग के देशों स्वायत्त रूप से शामिल हो। इस गणराज्य की सेना, मुद्रा, विदेश नीति और संचार प्रणाली एक होनी चाहिए।
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श्री सिंह ने कहा कि हमें अपने गौरवशाली इतिहास से अवगत होना जरूरी है, ताकि हम देश को आजाद कराने के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले महापुरुषों को श्रद्धांजलि दे सकें। उन्होंने सुभारती विश्वविद्यालय द्वारा छात्र-छात्राओं में नेताजी सुभाष चन्द्र बोस के आदर्शों को स्थापित करने के लिए किए जा रहे कार्यों की सराहना की।
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श्री जिंदल ने कहा कि देशवासियों को 30 दिसंबर के गौरवशाली इतिहास को समझने की जरूरत है। नेताजी ने ब्रिटिश सैनिकों से लड़ते हुए भारत की पावन धरती पर पहली बार आजादी का झंडा फहराया और अखंड भारत के स्वराज का उद्घोष किया, लेकिन इस दिन को इतिहास में उचित स्थान न मिलने के कारण देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले शहीदों को भुला दिया गया।
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नेताजी सुभाष चंद्र बोस चेयर के अध्यक्ष डॉ. देशराज सिंह ने कहा कि स्वामी विवेकानंद सुभारती विश्वविद्यालय, मेरठ नियमित रूप से नेताजी से संबंधित ऐतिहासिक दिवसों का आयोजन करता है। ताकि युवाओं को नेताजी के जीवन से अधिक से अधिक प्रेरणा मिले। 30 दिसंबर 1943 को नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने पोर्ट ब्लेयर में आजाद हिंद फौज का झंडा फहराया और भारत को ब्रिटिश शासन से स्वतंत्र घोषित किया।
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मेरठ विश्वविद्यालय के कुलपति थपलियाल ने कहा कि सुभारती विश्वविद्यालय देशभक्ति की पाठशाला है और नेताजी सुभाष चंद्र बोस के प्रति सम्मान और देशभक्ति विश्वविद्यालय के कण-कण में समाहित है।
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कार्यक्रम में बीएजेएमसी की छात्रा मनीषा कुमारी , लिबरल आर्ट्स के छात्र अतुल कौशिक , बीएजेएमसी की छात्रा वर्षा राज ने नेताजी के विषय में कविता, व्याख्यान और गीत प्रस्तुत किए। कार्यक्रम का संचालन पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग की सहायक प्रोफेसर डॉ. प्रीति सिंह ने किया। कार्यक्रम संयोजक एवं पत्रकारिता विभागाध्यक्ष एवं नेताजी सुभाष चंद्र बोस चेयर के मुख्य प्रशासक प्रोफेसर (डॉ.) एससी थलेड़ी ने सभी प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया