Monday, December 23, 2024

ऊर्जा मंत्री और बिजली कर्मचारियों की वार्ता रही बेनतीजा, केंद्रीय अध्यक्ष समेत कई बिजली अफसर सस्पेंड, वारंट भी जारी

लखनऊ -उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री और बिजली अधिकारी कर्मचारी संघर्ष समिति के साथ देर रात 3 घंटे तक चली वार्ता बेनतीजा समाप्त हो गई है, कर्मचारी यूनियनों ने अपनी पूर्व घोषित हड़ताल जारी रहने की घोषणा की है, वही रविवार सुबह एक बार फिर मंत्री और यूनियन के बीच वार्ता होगी।  देर शाम विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे समेत 22 नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। इसके अलावा समिति के पदाधिकारी जय प्रकाश, प्रभात, सीवी उपाध्याय, जीवी पटेल, जितेन्द्र सिंह गुर्जर और वसीम अहमद को निलंबित कर दिया गया है। देखे वार्ता का वीडियो-

प्रदेश में बिजली कर्मचारी और अधिकारी यूनियन की तीन दिवसीय हड़ताल जारी है, जिसके चलते पूरे प्रदेश में बिजली को लेकर हाहाकार मचा हुआ है। प्रदेश के ज्यादातर जिलों में अघोषित बिजली कटौती से जनता बिलबिलाई हुई है। पानी की भी समस्या है, जिसको लेकर अलग-अलग जिलों में लोग सड़क पर उतर रहे हैं।

प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविन्द कुमार शर्मा ने शनिवार दोपहर बिजली कर्मचारियों को शाम 6:00 बजे तक काम पर लौटने की चेतावनी दी थी और कहा था कि यदि 6:00 बजे के बाद कर्मचारी काम पर नहीं लौटेंगे तो उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई होगी, उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा लेकिन कर्मचारी यूनियनों पर इस चेतावनी का कोई असर नहीं पड़ा और उन्होंने साफ कर दिया कि चाहे गिरफ्तारी हो, चाहे निलंबन वह किसी भी कीमत पर अपनी हड़ताल समाप्त नहीं करेंगे। 

6 बजे की समय सीमा समाप्त होने के बाद मुजफ्फरनगर समेत उत्तर प्रदेश के कई जिलों में कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई हुई, जिसमें संविदा कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमे भी दर्ज कराए गए लेकिन वह हड़ताल से वापस नहीं लौटे। 

यूपीपीसीएल एमडी पंकज कुमार ने जेई कर्मचारी यूनियन के केंद्रीय अध्यक्ष जितेंद्र सिंह को निलंबित कर दिया, मुजफ्फरनगर में भी 10 बिजली कर्मचारियों के विरुद्ध एस्मा की कार्यवाही की गई है। महाराजगंज में भी 10 लाइनमैन और एसएसओ को बर्खास्त किया गया है, बलिया में भी कर्मचारियों के विरुद्ध इसी तरह की कार्रवाई की गई। 

जिसके बाद देर रात ऊर्जा मंत्री ने कर्मचारी यूनियन को अपने आवास पर वार्ता के लिए बुलाया, 3 घंटे चली इस वार्ता के बाद भी कोई हल नहीं निकला और कर्मचारी यूनियनों ने रविवार शाम तक जारी अपनी हड़ताल जारी रखने की घोषणा की।  इसी बीच बताया गया है कि रविवार सुबह एक बार फिर कर्मचारी यूनियन और ऊर्जा मंत्री की वार्ता होगी। 

विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे ने कहा, ”हम भगोड़े नहीं हैं। हम कहीं नहीं जा रहे हैं। पुलिस हमें गिरफ्तार कर सकती है। जनता जो दंड देगी, हम तैयार हैं। ऊर्जा निगम नशे के मद में चूर है। हमने 16 फरवरी को नोटिस में 1 महीने का समय दिया था। जिनको वैकल्पिक व्यवस्था करनी थी, उनसे क्यों नहीं पूछा।’

उधर, हड़ताल का मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट भी पहुंच गया। विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति के संयोजक शैलेंद्र दुबे समेत अन्य नेताओं के खिलाफ कोर्ट ने वारंट जारी किया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस मामले में हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। इसके बाद सोमवार को सभी पदाधिकारियों को हाईकोर्ट ने तलब किया है।

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