मुंबई। ठाणे के एक अस्पताल ने कथित तौर पर फर्जी दस्तावेजों के आधार पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री राहत कोष से वित्तीय सहायता हासिल की। एक आरटीआई में इस बात का खुलासा हुआ है।
आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के कार्यालय से उनके (सीएम) पदभार संभालने के बाद पिछले दो वर्षों में मुख्यमंत्री राहत कोष से संबंधित फर्जी या धोखाधड़ी के मामलों के बारे में विवरण मांगा था।
जवाब में, मुख्यमंत्री राहत कोष के सहायक लेखा अधिकारी संजय तांबे ने ठाणे पूर्व के अंबिवली में गणपति मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल के डॉ. अनुदुर्ग धोनी से संबंधित मामले को स्वीकार किया है।
सीएम कार्यालय ने कहा है कि डॉ. धोनी के अस्पताल, उनके स्टाफ और उनसे जुड़े अन्य लोगों पर सरकार को सौंपे गए फर्जी दस्तावेजों के आधार पर वित्तीय सहायता प्राप्त करने का संदेह है।
हालांकि, आर्थिक सहायता की सटीक राशि, किस उद्देश्य के लिए या इसे कथित फर्जी लाभार्थी को कब वितरित किया गया था, किस तरह के फर्जी दस्तावेज जमा किए गए थे और अन्य प्रासंगिक विवरण कार्यकर्ता को आरटीआई के जवाब में नहीं दिए गए हैं।
मामला सामने आने के बाद, जवाब में सीएम कार्यालय ने तुरंत मुंबई पुलिस आयुक्त को मामले की जांच करने और 6 नवंबर 2023 को जरूरत के अनुसार केस दर्ज करने के लिए कहा था।
आरटीआई कार्यकर्ता गलगली ने 30 नवंबर 2023 को अपने सवाल में कहा कि यह एक परेशान करने वाला मामला है। सीएमओ को सभी लाभार्थियों की सूची के साथ-साथ सीएम राहत कोष से प्राप्त वित्तीय सहायता के प्रकार और सटीक राशि के विवरण को आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड करना चाहिए।
आरटीआई कार्यकर्ता ने आग्रह किया, “इससे ऐसे कई और मामलों को उजागर करने तथा ऐसी धोखाधड़ी प्रथाओं को समाप्त करने में मदद मिल सकती है। साथ ही उन वास्तविक व्यक्तियों को भी लाभ होगा, जिन्हें ऐसी वित्तीय मदद की जरूरत है।”