खतौली। कस्बे के वरिष्ठ चिकित्सक और शायर डॉ. अमीर आज़म कुरैशी की उर्दू ग़ज़ल और नज़्मों का संग्रह सराब-ए-ज़िंदगी और उनकी पुत्री डॉ. दरकशा अंजुम (पोस्ट डॉक्टरेट, AMU) की पुस्तक Unveiling the Gender Discrimination Among Indian Muslims: Causes and Repercussions का विमोचन विश्व पुस्तक मेले में किया गया।
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दिल्ली में आयोजित इस पुस्तक मेले के हॉल नंबर 2 में नामक पब्लिकेशन प्राइवेट लिमिटेड के स्टॉल पर आयोजित कार्यक्रम में प्रोफेसर खालिद अलवी, जावेद दानिश (कनाडा) और शारिक अदीब ने दोनों पुस्तकों का विमोचन किया।
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प्रो. खालिद अलवी ने सराब-ए-ज़िंदगी के बारे में कहा कि यह पुस्तक जिंदगी की तल्ख हकीकतों को बयां करती है और बामकसद शायरी का एक बेहतरीन नमूना है। यह डॉ. अमीर आज़म कुरैशी का दूसरा काव्य संग्रह है, जो उर्दू साहित्य में एक अहम योगदान देगा।
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जावेद दानिश ने डॉ. दरकशा अंजुम की पुस्तक पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज के समाज में लैंगिक भेदभाव (Gender Discrimination) एक गंभीर मुद्दा बन चुका है। पुस्तक में इस्लाम में समानता के अधिकारों के साथ-साथ भारतीय मुस्लिम समाज में लैंगिक भेदभाव के कारणों और प्रभावों पर गहन शोध किया गया है। यह पुस्तक महिलाओं के अधिकारों और सामाजिक सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण योगदान देगी।
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इस अवसर पर शारिक अदीब, डॉ. आरिश फैजान, नामक पब्लिकेशन के डायरेक्टर अय्यूब, डॉ. अमीर अंजुम, राना कुरैशी, डॉ. तारिका, डॉ. जवेरिया, आतिफ रज़ा एडवोकेट सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे।