प्रयागराज। प्रयागराज शहर में आठ साल की एक मासूम बच्ची के साथ अमानवीय कृत्य करने का मामला प्रकाश में आया है। मिलिट्री स्कूल के एक शिक्षक की समाजसेविका पत्नी की क्रूरता देखकर डॉक्टर भी हैरान हो गए। शिक्षक की पत्नी का गोद ली गई बेटी के साथ बर्बर व्यवहार किया गया।
बच्ची के शरीर पर पड़े चोट के निशान और आंखों में डर का भाव साफ बयां कर रहा था। हाथ टूटने के बाद यह बेरहम महिला बच्ची को इलाज के लिए कैंटोनमेंट बोर्ड में स्थित हॉस्पिटल लेकर पहुंची। वहां बच्ची के स्वास्थ्य परीक्षण के दौरान उसकी दरिंदगी से पर्दा उठा।
बीते शनिवार को एक महिला बच्ची को अस्पताल लेकर पहुंची। बताया कि बच्ची की तबीयत खराब है। फर्श पर पैर फिसलने से वह गिर गई है, जिससे उसके हाथ में चोट आई है। डॉक्टरों ने लड़की का स्वास्थ्य परीक्षण किया तो पता चला कि उसके हाथ में फैक्चर है। बच्ची के सीने और पीठ पर चोट के निशान थे। उसके प्राइवेट पार्ट में गंभीर चोट के निशान थे।
महिला द्वारा बताए गए कारण और बच्चे की स्थिति को देखकर डॉक्टरों को शक हुआ। तो डॉक्टरों ने पुलिस को सूचना दी। अस्पताल से भागने की फिराक में घूम रही महिला को कैंट पुलिस ने हिरासत में ले लिया। पूछताछ में पता चला कि उस बच्ची को महिला और उसके शिक्षक पति ने दिल्ली के अनाथ आश्रम से गोद लिया था। गोद लेने के बाद इस बच्ची के साथ इतनी बर्बरता से मारपीट व प्रताड़ित किया जाता था। उस बच्ची के प्राइवेट पार्ट में महिला ने लकड़ी डाल दी थी। उसके शरीर पर जगह-जगह जलाने के दाग हैं। जिससे लहूलुहान बच्ची कर चीख उठी थी। इतना ही नहीं उसे जमीन पर उठा-उठा कर पटका गया, जिससे उसका एक हाथ टूट गया है।
पता चलने पर मिलिट्री हॉस्पिटल पहुंचे आला अधिकारियों ने बच्ची से बातचीत कर उसके बारे में जानकारी ली। फिलहाल बच्ची का आर्मी हॉस्पिटल में इलाज चल रहा है। उसे जरूरत पड़ने पर लखनऊ या दिल्ली रेफर किया जाएगा। आर्मी अफसरों ने उसके इलाज का पूरा खर्च उठाने की जिम्मेदारी ली है।