मुंबई- महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति की शानदार जीत में महिला केंद्रित लड़की बहिन योजना की प्रमुख भूमिका होने के बावजूद, हाल ही में हुए चुनाव में नवनिर्वाचित महिला विधायकों की संख्या 2019 में निर्वाचित 24 से घटकर 21 हो गई है।
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इस वर्ष हुए विधानसभा चुनाव में कुल 4,136 उम्मीदवार मैदान में थे, जिनमें से लगभग 250 महिला उम्मीदवार थीं, यानी कुल उम्मीदवारों का लगभग छह से सात प्रतिशत। अब, निर्वाचित महिला उम्मीदवारों की संख्या केवल सात प्रतिशत के आसपास है। 23 नवंबर को हुई मतगणना में 250 महिला उम्मीदवारों में से केवल 21 ही विजयी हुईं।
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उनमें से 14 भाजपा की विधायक हैं जिनमें श्वेता महाले (चिखली), मेघना बोर्डीकर (जिंतूर), देवयानी फरांदे (नासिक सेंट्रल), सीमा हारे (नासिक पश्चिम), मांडा म्हात्रे (बेलापुर), मनीषा चौधरी (दहिसर), विद्या ठाकुर (गोरेगांव), माधुरी मिसल (पार्वती), मोनिका राजले (शेवगांव) और नमिता मुदंडा (कैज), श्रीजया चव्हाण (भोकर), सुलभा गायकवाड़ (कल्याण पूर्व), स्नेहा पंडित (वाशिम) और अनुराधा चव्हाण (फूलंबरी) शामिल हैं।
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शिव सेना (शिंदे) से दो, सकरी से मंजुला गावित और कन्नड़ से संजना जाधव। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एपी) से चार जिनमें सुलभा खोडके (अमरावती), सरोज अहिरे (देवलाली), सना मलिक (अणुशक्तिनगर) और अदिति तटकरे (श्रीवर्धन) शामिल हैं।
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विपक्षी कांग्रेस की अकेली महिला विधारक धारावी से ज्योति गायकवाड़। इस चुनाव में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) ने 10 महिला उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था, लेकिन उनमें से कोई भी जीत नहीं पाई।