शामली। जमीअत उलेमा-ए हिन्द के पदाधिकारियों की आगामी ईद उल अजहा पर्व को लेकर एक बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें जिलेभर से आये मस्जिदों के जमीअत के पदाधिकारियों ने आहवान किया कि ईद पर कुर्बानी खुले में न करे। कुर्बानी के बाद बचे अवशेषों को गडढा खोदकर दबाये और ईद की नमाज के दौरान सडकों पर नमाज अदा न की जाये।
गुरूवार को शहर के मौहल्ला सलेक विहार स्थित मुहम्मदी मस्जिद में जमीअत उलेमा-ए हिन्द के पदाधिकारियों की ईद उल अजहा पर्व को लेकर बैठक का आयोजन किया गया। बैठक को संबोधित करते हुए सदर मौलाना साजिद कासमी ने कहा कि आगामी 29 जून को ईद उल अजहा का पर्व देशभर में मनाया जायेगा।
ईद उल अजहा पर्व पर कुर्बानी की जाती है। कुर्बानी खुले में न करे। ऐसा कोई काम न करे, जिससे दूसरे समुदाय के लोगों को एतराज हो। कुर्बानी के बाद बचे अवशेषों को गडढा कर दबा दिया जाये। खुले में अवशेषों को न फेंके। साफ सफाई का विशेष ख्याल रखे। उन्होनंे कहा कि ईद की नमाज मस्जिदों के बाहर अदा न करे। जिससे किसी को परेशानी हो। जिला पुलिस प्रशासन को सहयोग किया जाये। उन्होने कहा कि यदि कुर्बानी का जानवर लाने और ले जाने में किसी को कोई परेशानी होती है तो पुलिस को अवगत कराये।
बैठक में आपसी भाईचारा कायम रखने और बच्चों की तालीम पर भी जोर दिया गया। इस अवसर पर जनरल सैकेट्री मौलाना अयूब, मौलाना नजाकत अली, कारी शमीम, मौलाना शौकीन, मुफ्ति अब्दुल्ला, मुफ्ति जुबैर, कारी वकीलुर्रहमान, मुफ्ति शाकिर, मुफ्ति आरिफ, मौलाना शकील, मुफ्ति दानिश आदि मौजूद रहे।