ताजे फलों और सब्जियों का रस शरीर में रक्त की शुद्धि और शरीर को ऊर्जा देने में सहायक होते हैं। जब भी रस पिएं, ध्यान दें कि सब्जियां और फल ताजे होने चाहिए। रस के आवश्यक पदार्थ रक्त द्वारा शरीर के विभिन्न अंगों में शीघ्रता से पहुंच जाते हैं और शरीर को स्वस्थ रखते हैं। हर सब्जी व फल का रस शरीर को अलग ढंग से लाभ पहुंचाता है।
गाजर का रस:-गाजर के रस में विटामिन ‘ए’ प्रचुर मात्रा में मिलता है। उसके अतिरिक्त इसमें फोलिक एसिड विटामिन बी व ऑयरन मिलता है। गाजर का रस स्वाद में भी अच्छा होता है। सर्दियों में इसका सेवन नियमित करना चाहिए।
पालक का रस:-पालक का रस आंतों की सफाई के लिए बहुत अच्छा होता है। पालक के रस में विटामिन ई की मात्रा प्रचुर होती है। इसे गाजर के रस के साथ मिलाकर भी पिया जा सकता है। कब्ज की शिकायत होने पर ताजी पालक का रस लाभ पहुंचाता है। गर्भवती, स्तनपान करने वाली स्त्रियों के लिए पालक का रस बहुत गुणकारी होता है। पथरी के रोगियों को इसका सेवन बिना डॉक्टर के परामर्श के नहीं करना चाहिए।
शलजम का रस:- शलजम फल और पत्तियां दोनों ही स्वास्थ्य के लिए लाभप्रद हैं। शलजम में विटामिन ‘सी’ और कैल्शियम की मात्रा अधिक होती है। कैल्शियम की पर्याप्त मात्रा होने के कारण शलजम दांतों और हडि़्डयों के लिए लाभप्रद होता है। शलजम का स्वाद हल्का सा खारी होने के कारण नींबू के रस के साथ मिलाकर लेना चाहिए। शलजम का रस नियमित लेने से खांसी में भी आराम मिलता है।
टमाटर का रस:- टमाटर में विटामिर ‘डी’, ‘ई’, कैल्शियम, पोटाशियम और खनिज आदि काफी मात्रा में होते हैं। टमाटर का रस शरीर की पाचन क्रिया और रक्त संबंधी समस्याओं को दूर करता है। अधिक खट्टे टमाटर का रस अकेले न लें। उसमें मौसमानुसार गाजर व पालक मिला कर लेना चाहिए। गाजर व पालक का रस मिलाकर पीने से खून की कमी भी दूर होती है। बच्चों के विकास के लिए टमाटर का लाभप्रद होता है। गुर्दे में पथरी वाले रोगियों को टमाटर का रस डॉक्टरी सलाह के अनुसार लेना चाहिए।
खीरे ककड़ी का रस:- खीरे-ककड़ी का रस गुर्दे व मूत्रशय की बीमारियों के लिए गुणकारी होता है। खीरे, ककड़ी के रस के सेवन से पेशाब अधिक बनता है। खीरा-ककड़ी त्वचा के लिए उत्तम माने जाते हैं। इसका सेवन कच्चा खाकर भी किया जा सकता है और रस पीकर भी।
बंदगोभी का रस:-बंदगोभी का रस वजन कम करने में सहायक होता है। रक्त को शुद्ध करने और मांसपेशियों के निर्माण में भी बंद गोभी का रस सहायक होता है। इसमें विटामिन ‘सी’ काफी मात्रा में होता है। इसका रस मसूड़ों की बीमारी में भी लाभ पहुंचाता है।
रस पीने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। रस ताजा निकाल कर उसी समय पीना चाहिए। निकाल कर रखा हुआ रस न पिएं। रस निकालने से पहले बर्तन को अच्छी तरह साफ कर लें। रस निकालने वाली सब्जियों को अच्छी तरह धोकर पोंछ लें। ध्यान रखें सब्जियां ताजी व साफ सुथरी हों। गली-सड़ी सब्जियों का रस लाभ के स्थान पर नुकसान पहुंचाता है।
– सुनीता गाबा