मुजफ़्फरनगर। लगभग 29 वर्ष पूर्व गत दो अक्टूबर 1994 में उत्तराखंड आंदोलन के दौरान पुलिस फायरिंग महिलाओं के साथ अत्याचार की घटना के संबंध में सीबीआई द्वारा महिला के साथ सामूहिक बलात्कार के एक मामले में विशेष अदालत एडीजे 7 की कोर्ट में आज 75 वर्षीय पीडि़त महिला कोर्ट में पेश हुई तथा कोर्ट में उसके बयान दर्ज किए गए, बयान देते हुए, महिला भावुक होकर रो पड़ी और बताया कि उसके साथ दो आरोपियों ने बलात्कार किया था।
इस मामले में आरोपी पूर्व पुलिस कर्मचारी मिलाप सिंह व वीरेंद्र प्रताप कोर्ट में उपस्थित थे। महिला ने सीबीआई की कहानी को सही बताते हुए बताया कि घटना के समय वह 45 वर्ष की थी और अब वह 75 वर्ष की है और श्रीनगर, गढ़़वाल से बयान देने आई है।
बचाव पक्ष के वरिष्ठ अधिवक्ता सुरेंद्र कुमार ने जिरह की, एडीजे शक्ति सिंह ने अगली सुनवाई के लिए दो अगस्त नियत कर दी। एडीजी सी प्रवेंद्र कुमार ने बताया कि इससे पूर्व कोर्ट के आदेश पर बयान के समय कड़ी सुरक्षा रखी गई और मामले से संबंधित सीबीआई वकील, सरकारी वकील व बचाव पक्ष के वकील के अलावा सभी का प्रवेश रोक दिया गया था। पीडिता को कड़ी सुरक्षा में कोर्ट में पेश करने के बाद वापस श्रीनगर भेजा गया।
बता दें कि गत दो अक्टूबर 1994 को उत्तराखंड से दिल्ली जाते हुए मुजफ़्फरनगर रामपुर तिराहा पर पुलिस फायरिंग व महिलाओं के साथ अत्याचार की घटनाओं के संबंध में सीबीआई ने कई मामले दर्ज किए थे। इनमें एक मामला सरकार बनाम मिलाप सिंह आदि की सुनवाई आज हुई।