नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के पारंपरिक और विशिष्ट उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए बड़ा ऐलान करते हुए 8 नए उत्पादों को जियोग्राफिकल इंडिकेशन (GI) टैग प्रदान किए जाने की जानकारी दी है। इस कदम से इन क्षेत्रों के कारीगरों और हस्तशिल्प से जुड़े लोगों को बड़ा लाभ मिलने की उम्मीद है।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करते हुए लिखा
“देश की सांस्कृतिक और शिल्प धरोहर को नई पहचान मिल रही है। आज 8 और उत्पादों को GI टैग मिला है। इससे न केवल इन उत्पादों की ब्रांड वैल्यू बढ़ेगी, बल्कि स्थानीय कारीगरों की आजीविका में भी सुधार होगा।”
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GI टैग क्या है?
GI टैग किसी विशेष भौगोलिक क्षेत्र में उत्पन्न या निर्मित उत्पादों को विशिष्ट पहचान देता है। इससे इन उत्पादों की नकल रोकने में मदद मिलती है और इन्हें अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रमोट करना आसान हो जाता है।
GI टैग प्राप्त करने वाले नए 8 उत्पादों में तेलंगाना की पोचारम सिल्क साड़ी, पश्चिम बंगाल का मशहूर नकाशी पंखा, राजस्थान का भीलवाड़ा हैंडलूम टेक्सटाइल, उत्तराखंड की बगेश्वरी राजमा, तमिलनाडु का नागपट्टिनम ब्रॉन्ज क्राफ्ट, महाराष्ट्र का कोल्हापुर टेराकोटा, मणिपुर का काबुई अदरक, ओडिशा का गजपति आम शामिल हैं।