मुजफ्फरनगर। गांव निर्धना के पीडि़तों ने अपने ऊपर लगे बलात्कार के आरोपों को निराधार बताते हुए जिला प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है। पीडि़तों ने महिला पर जबरन मोटी रकम वसूलने का आरोप लगाया है।
उन्होंने बताया कि फैसला होने के बावजूद अतिरिक्त रुपयों की मांग की गई थी, जिसको पूरा करने से मना करने पर बलात्कार के झूठे केस में फंसाया जा रहा है।
रविवार को मीडिया सेंटर के पत्रकारों से वार्ता करते हुए पीडि़तों ने बताया कि कऱीब डेढ़ साल पहले गांव की महिला रानी से मुस्लिम रीति रिवाज से शादी हुई थी। बताया कि रानी की शादी पहले कही और हुई थी, जो पति से तलाक लेकर अपने मायके में ही रह रही थी।
उन्होंने बताया कि इस दौरान पीडि़त आरिफ द्वारा शादी का दावा करते हुए रानी से शादी करने के बाद अपने साथ लेकर खालापार में किराए के मकान में रहकर गुजर बसर कर रहा था। वहीं शादी के बाद से ही दोनों में छोटी-छोटी बातों को लेकर मनमुटाव रहने लगा।
पीडि़त आरिफ ने बताया कि बात को ज्यादा बिगड़ती देख गत आठ फऱवरी को कचहरी परिसर में गवाहों की मौजूदगी में डेढ लाख रुपए में फैसला किया गया था। महिला पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि गवाहों के रूप में आए महिला के मुंह बोले भाई एजाज पुत्र नूर मौहम्मद पर भी बलात्कार का आरोप लगाया गया है, जबकि महिला द्वारा ही जबरदस्ती कर मुंह बोले भाई को गवाही देने के लिए तैयार किया गया था।
पीडि़तों ने बताया कि चंद रुपयों के लालच में महिला ने बहन भाई के पवित्र रिश्ते पर दाग लगाते हुए बलात्कार जैसा घिनौना आरोप लगाया हैं। मीडिया के माध्यम से पीडि़तों ने जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन से न्याय की गुहार लगाते हुए कहा कि महिला द्वारा हमारे ऊपर थोपी गई तमाम दलील बेबुनियाद एवं निराधार है।
उन्होंने बताया कि कचहरी परिसर में पंचों एवं अधिवक्ता के बीच में तलाक का फैसला किया गया था, जिसके लिए डेढ़ लाख रुपए मुकर्रर किए गए थे। पीडि़तों ने जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन से इस प्रकरण में निष्पक्ष जांच कर दोषी को सख्त सजा देने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि यदि जांच होने के बाद दोषी हम लोग पाए गए, तो हमें बेशक फांसी की सजा दी जाए, वहीं उन्होंने कहा कि जांच में अगर महिला दोषी पाई गई, तो उसको भी फांसी की सजा मुकर्रर होनी चाहिए, ताकि भविष्य में इस तरह के आरोप-प्रत्यारोपों के उत्पीडऩ को कोई भी दूसरा व्यक्ति न झेल पाए।
प्रेस वार्ता के दौरान आरिफ, एजाज, परवेज एवं कल्लू के अलावा दर्जनों गांव वासी मौजूद रहे।