गाजियाबाद। महंत नरसिंहानंद की टिप्पणी को लेकर उपजे विवाद के बाद विधायक नंद किशोर गुर्जर समेत डासना मंदिर समिति ने महापंचायत का आयोजन किया था। पुलिस ने इजाजत नहीं दी बावजूद इसके लोग जुटने लगे। लोगों का आरोप है कि आम जनों पर प्रशासन पाबंदी लगा रहा है। उन्होंने ये शिकायत विधायक से की। विधायक नंद किशोर गुर्जर भी महापंचायत में शामिल पहुंचे, तो आसपास मौजूद लोग उनसे शिकायत करते दिखे। लोगों ने उनसे कहा कि आप तो विधायक हैं, तो इसलिए आपको पुलिस कुछ नहीं कह रही, लेकिन आम लोगों को जाने नहीं दिया जा रहा है।
विधायक नंद किशोर गुर्जर ने कहा कि हिंदुओं की अस्मिता पर हमला करने वालों पर एनएसए लगाकर उनकी गिरफ्तारी की जानी चाहिए। महापंचायत में शामिल भाजपा विधायक नंद किशोर गुर्जर ने कहा कि महापंचायत में लिए गए निर्णय के अनुसार, भारत में रहने वाले दस करोड़ रोहिंग्या बांग्लादेशियों को निकाला जाना चाहिए, जिन्हें कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में वोट के लिए बसाया है। इसके अलावा उन्होंने कहा कि मंदिरों और हिंदुओं की अस्मिता पर हमला करने वालों के खिलाफ फास्ट ट्रैक कोर्ट में मुकदमा चलाना चाहिए। राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत उनकी गिरफ्तारी होनी चाहिए और कम से कम मृत्यु दंड की सजा दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि, हमनें केंद्र सरकार से अनुरोध किया कि वह कठोर कानून बनाए, ताकि इस तरह की घटनाओं को अंजाम देने वालों को भी मृत्यु दंड की सजा मिल सके। उन्होंने आगे कहा कि समाज ने एक सप्ताह का समय दिया है, और उच्च अधिकारियों के साथ हुई बातचीत के अनुसार समाज एक सप्ताह बाद इस पर निर्णय लेगा।
हमने कई बार पुलिस को कहा कि हम किसी भी प्रकार से शांति-व्यवस्था में खलल पैदा नहीं करेंगे। इसके बावजूद भी पुलिस हमें अंदर नहीं जाने दे रही है। विधायक ने कहा, “अब हमें मंदिर में पूजा भी नहीं करने देंगे। आखिर ऐसी क्या मजबूरी है कि पुलिस अब आम लोगों को पूजा नहीं करने दे रही है। कहां है पुलिस। हम पुलिस से बात करना चाहते हैं। एक बार महापंचायत कर लेते हैं। मंदिर में हमला हुआ है। यह पूरे सनातन पर हमला है और हम इसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं कर सकते हैं। भीड़ को उकसाया जा रहा है। उन्होंने आगे कहा, यह आश्चर्य की बात है कि उकसाने वालों में से अभी तक एक भी गिरफ्तारी नहीं हुई है। महापंचायत को रोकने का कोई औचित्य नहीं है।
महापंचायत करने का अधिकार सभी को है। सभी को अपनी बात रखने का हक है। सभी खुलकर अपनी बात रख सकते हैं। मुझे लगता है कि इससे किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।” गाजियाबाद के डासना मंदिर में महापंचायत बुलाई गई थी, जिसमें बड़ी संख्या में आम लोगों से शामिल होने की अपील की गई। वहीं, पुलिस ने मीडिया को बताया कि उन्हें महापंचायत में शामिल होने से रोका जा रहा है। वो शांतिपूर्वक प्रदर्शन करना चाहते हैं, लेकिन पुलिस उन्हें ऐसा करने से रोक रही है, जिसे हम किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं करना चाहते हैं।