मथुरा। उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधरी के छोटे भाई के समधी की 6 वर्ष पहले की गई हत्या के तीन आरोपियों को अपर सत्र न्यायाधीश नितिन पाण्डे ने जुर्माने के साथ आजीवन कारावास का आदेश दिया है।
मृतक सरमन पूर्व प्रधान थे तथा उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधरी के छोटे भाई एमएलसी लेखराज चैधरी के समधी थे। अभियोजन पक्ष के अनुसार 13 जनवरी 2018 की शाम 5 बजे जब पूर्व प्रधान सरमन अपने बेटे देवेन्द्र सिंह के साथ एक मोटरसाइकिल से खेत से अपने घर गांव गोहारी थाना छाता जा रहे थे।
दौताना गांव के पास हाई वे पर आरोपी धर्मवीर एवं सतीराम ने उसके पिता को पकड़ लिया तथा आरोपी प्रदीप ने हाथ में लिए हथियार से फायर कर दिया। इसके बाद आरोपी ने शोर किया तो आसपास से लोग तथा उसका भाई ऊधम सिंह भी आ गया। इधर इस घटना में शामिल पांच आरोपी दो मोटर साइकिलों से भाग गए। घटना की रिपोर्ट मृतक के बेटे देवेन्द्र सिंह ने लिखाई थी।
पुलिस ने इस मामले में जांच के बाद कुल सात अभियुक्तेां के खिलाफ आईपीसी की उचित धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस ने इसमें इस हत्या के लिए दस लाख की सुपारी देने का भी दावा किया था।
एडीजीसी अभिषेक सिंह ने बताया कि आरोपी राधाचरण और उसके दो बेटे धर्मवीर व प्रदीप, सतीराम पुत्र रेखपाल एवं कर्मवीर पुत्र प्रहलाद मूल रूप से छाता थाना क्षेत्र के गोहारी गांव के रहनेवाले हैं तथा घटना के दिनों में वे पलवल में रह रहे थे। मुकदमे के दौरान कर्मवीर की मौत हो गई थी।
सजा के मामले में बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने कम सजा देने का अनुरोध इस आधार पर किया था कि उनका यह पहला अपराध है और वे युवा हैं जब कि एडीजीसी सिंह ने कहा कि यह जघन्य हत्या है इसलिए सख्त सजा देनी चाहिए।
एडीजीसी के अनुसार न्यायाधीश ने पुलिस की सुपारी एवं अभियुक्तों को धारा धारा 147, 148, 149, 120 बी में आरोपित करने की कार्रवाई को नही माना तथा ना ही उसकी सुपारी लेने की कहानी को माना। न्यायाधीश ने अभियुक्तेां धर्मेन्द्र, प्रदीप और सतीराम को आजीवन कारावास एवं प्रत्येक को पांच पांच हजार का जुर्माना अदा करने और जुर्माना न अदा करने को एक एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास भोगने का आदेश दिया है।