Thursday, December 19, 2024

मुजफ्फ़ऱनगर -बलात्कार व हत्या के मामले में तीन लोगों पर आरोप सिद्ध, सजा आज

मुजफ्फ़ऱनगर। अनुसूचित जाति की 18 वर्षीय बेटी के साथ बलात्कार करने के बाद व 6 वर्षीय बालक, दोनों की गर्दन काटकर हत्या के अपराध में पैतीस दिन पहले दोषमुक्त हुए चर्चित प्रकरण में तीनो अभियुक्तों को गेंगेस्टर कोर्ट ने दोष सिद्ध करार दिया है् .

यह घटना थाना चरथावल की है, 6 साल पहले 19 दिसंबर 2०17 को लुहारी गाँव निवासी 18 वर्षीय पुत्री और ६ वर्षीय धेवता दिन मे खेत में गन्ना छिलने गए थे, लेकिन खेत पर नहीं पहुँचे और रास्ते से ही गायब हो गए, काफ़ी तलाशने पर भी नहीं मिले, तो घटना के अगले दिन दोनों के शव गाँव मे ही तेजवीर के खेत मे मिलें, दोनों शवों मे बिटिया की गर्दन आधी कटी थी, जबकि 6 वर्षीय बच्चे की गर्दन धड़ से अलग थी।  वादी पिता ने इस घटना की सूचना पुलिस को दी। पुलिस ने द्गह्नस्रठ्ठद्गद्म ठ्ठह्र्लं कर विवेचना आरम्भ की। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बिटिया से बलात्कार की पुष्टि हुई।

पुलिस ने गहन विवेचना करते हुए गाँव लुहारी के ही तीन अभियुक्तों मुकम्मिल पुत्र शमशाद, जानू उफऱ् जान आलम पुत्र यामीन, शराफ़त पुत्र लियाकत को जेल भेजा। घटना की विवेचना तत्कालीन सीओ सदर योगेंदर सिंह ने की और अनुसूचित जाति जनजाति अधिनियम, हत्या, बलात्कार की धाराओं में आरोप पत्र न्यायालय प्रेषित किया। गिरोह बनाकर इस जघन्य आपराधिक कृत्य पर तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक विंध्याचल तिवारी ने इन तीनो अभियुक्तों के विरुद्ध गेंगस्टर एक्ट में भी चालान किया।

इस गेंगेस्टर एक्ट प्रकरण की विवेचना तत्कालीन प्रभारी थाना छपार ह्रदय नारायण सिंह ने कर तीनो अभियुक्तों के विरुद्ध आरोप पत्र गेंगेस्टर कोर्ट में प्रेषित किया। कोर्ट में आरोप तय होने के बाद में अभियोजन ने डीएम व एसएसपी के निर्देशन में प्रभावी पैरवी की। एसएसपी संजीव सुमन ने अभियोजन के निवेदन पर समय से सभी गवाह न्यायालय में उपस्थित कराने में अहम भूमिका अदा की। अभियुक्तों ने कोर्ट में दौरान बहस अपने हत्या, बलात्कार के मूल अभियोग अपर सत्र न्यायाधीश-विशेष न्यायालय एससी एसटी एक्ट कोर्ट संख्या दो से दोष मुक्त होने का हवाला दिया, वहीं अभियोजन ने पैरवी में कोई कसर नहीं छोड़ी तथा बहस में उच्चतम न्यायालय की नजीरें प्रस्तुत कर अपना पक्ष रखा। अंतत: पीडि़त को न्याय दिलाने में अभियोजन पक्ष सफल रहा और गेंगेस्टर जज अशोक कुमार ने  गिरोह बनाकर अनुसूचित जाति की 18 वर्षीय युवती के साथ बलात्कार करने के बाद 6 वर्षीय बालक सहित दोनों की गर्दन काट कर नृशंस हत्या के अपराध में आज तीनो अभियुक्तों मुकम्मिल, जानू उफऱ् जानआलम व फद्दड उफऱ् शराफ़त को दोष सिद्ध करार दिया, सजा 1द्मह्ल सुनाई जाएगी। तीनो अभियुक्त मूल अभियोग में अपर सत्र न्यायाधीश/एससी-एसटी कोर्ट संख्या दो से विगत माह 1० अप्रैल को ही दोष मुक्त हो चुके थे, परन्तु गेंगेस्टर के अभियोग में जमानत न होने के कारण जेल में निरुद्ध थे। पैरवी संदीप सिंह वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी एवं विशेष लोक अभियोजक दिनेश सिंह पुंडीर व राजेश शर्मा ने की।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

74,303FansLike
5,477FollowersFollow
135,704SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय