Monday, April 28, 2025

समान नागरिक संहिता लागू करने का समय आ गया है – धनखड़

नयी दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता के लागू होने को शुभ संकेत करार देते हुए सोमवार को कहा कि पूरा देश के लिए समान नागरिक संहिता को अपनाने का समय आ गया है।

मुजफ्फरनगर में रालोद को लगा बड़ा झटका, पूर्व सांसद व पूर्व विधायक ने पार्टी छोड़ी

धनखड़ ने उपराष्ट्रपति भवन में ‘राज्यसभा इंटर्नशिप कार्यक्रम’ के प्रतिभागियों के पांचवें बैच को संबोधित करते हुए कहा कि आज का दिन बहुत ही शुभ है कि उत्तराखंड राज्य ने समान नागरिक संहिता को हकीकत बना दिया है। उन्होंने कहा ,“ आज, एक बहुत ही शुभ संकेत हुआ है। और वह शुभ संकेत है, जो संविधान के निर्माताओं ने संविधान में, विशेष रूप से भाग – चार में राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतों में कल्पना की थी और निर्देशित किया था।”

एटा में जेलर प्रदीप कश्यप की हरकतों से परेशान जेल वार्डन राजीव हंस कुमार का बयान वायरल

[irp cats=”24”]

 

उपराष्ट्रपति ने कहा कि संविधान निर्माताओं ने इन निर्देशक सिद्धांतों को साकार करने के लिए कड़ी मेहनत करने का निर्देश दिया था। उनमें से कुछ को साकार किया गया है। भारतीय संविधान का अनुच्छेद 44 यह अनिवार्य और आदेश देता है कि पूरे भारत के क्षेत्र में नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता को सुरक्षित करने का प्रयास किया जाएगा। भारतीय संविधान को अपनाने के बाद से सदी की आखिरी तिमाही की शुरुआत हो गई है। देवभूमि उत्तराखंड ने समान नागरिक संहिता को वास्तविकता बना दिया है। एक राज्य ने यह कर दिखाया है।

उन्होंने कहा, “ मैं सरकार की दूरदर्शिता की सराहना करता हूँ…. संविधान निर्माताओं के सपने को साकार करने के लिए अपने राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए, और मुझे यकीन है कि यह केवल समय की बात है जब पूरा देश समान कानून अपनाएगा।”

समान नागरिक संहिता के विरोध पर चिंता व्यक्त करते हुए श्री धनखड़ ने कहा, “ कुछ लोग, अज्ञानता के कारण, इसकी आलोचना कर रहे हैं। हम उस चीज़ की आलोचना कैसे कर सकते हैं जो भारतीय संविधान का आदेश है?” उन्होंने कहा कि राजनीति ने कुछ लोगों के दिमाग में इतनी गहरी जड़ें जमा ली हैं कि यह जहर बन गई है। राजनीतिक लाभ के लिए, लोग बिना किसी चिंता के, एक पल के लिए भी राष्ट्रवाद को त्यागने में संकोच नहीं करते। उन्होंने कहा कि संविधान सभा की बहसों का अध्ययन किया जाना चाहिए और उच्चतम न्यायालय के संकेतों को देखा जाना चाहिए।

अवैध प्रवासियों से उत्पन्न सुरक्षा खतरे पर उप राष्ट्रपति ने कहा, “हमें चुनौतियों को देखना होगा। और राष्ट्र के लिए चुनौती यह है कि लाखों अवैध प्रवासी हमारी भूमि पर रह रहे हैं। क्या यह हमारी संप्रभुता के लिए चुनौती नहीं है? ऐसे लोग कभी भी हमारे राष्ट्रवाद से जुड़े नहीं रहेंगे। वे हमारे स्वास्थ्य, शिक्षा और अन्य सुविधाओं के संसाधनों का उपयोग करते हैं। मैं सरकार में सभी से अपेक्षा करता हूं कि वे इस पर गंभीरता से विचार करें।” उन्होंने कहा कि अवैध प्रवासी लोकतंत्र के लिए खतरा हैं क्योंकि वे चुनावी प्रणाली को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं। वे सामाजिक सद्भाव और राष्ट्र की सुरक्षा के लिए भी खतरा हैं।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

80,337FansLike
5,552FollowersFollow
151,200SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय