लखनऊ। भारत सरकार के कौशल विकास और उद्यमिता तथा शिक्षा राज्यमंत्री जयंत चौधरी ने मंगलवार को बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर विभागीय समीक्षा की। उन्होंने पीएमश्री और पीएम पोषण स्कीम के बारे में जानकारी ली और विभागीय अधिकारियों को प्रीतिभोज जैसे कार्यक्रमों को संचालित कर सरकार के प्रयास को अत्यधिक प्रभावी बनाने का परामर्श दिया। समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों ने भी अपनी बात रखते हुए रसोइयों का मानदेय बढ़ाने का आग्रह किया।
बता दें कि भारत सरकार के अपर सचिव विपिन कुमार ने सुबह विद्या समीक्षा केंद्र का दौरा कर उसकी कार्य प्रणाली को जाना। उन्होंने वीएसके के कामकाज के तरीके की सराहना की। ज्ञातव्य हो कि लखनऊ स्थित वीएसके देश का दूसरा केंद्र है, इसके पहले अहमदाबाद (गुजरात) में वीएसके केंद्र स्थापित हुआ है। मंत्री जयंत चौधरी एयरपोर्ट से सीधे गोमतीनगर स्थित पीएमश्री केंद्रीय विद्यालय पहुंचे। यहाँ उन्होंने लगी एक प्रदर्शनी का अवलोकन किया। प्रदर्शनी में छात्र-छात्राओं ने अपने द्वारा तैयार मॉडल प्रस्तुत कर रखा था। बच्चों से बात कर उनकी प्रतिभा जान, मंत्री काफी गदगद दिखे। उन्होंने बच्चों का उत्साहवर्धन किया और निरन्तर प्रयास करते रहने की सलाह दी। जयंत चौधरी ने यहाँ पौधरोपण कर वातावरण को शुद्ध बनाये रखने का संदेश दिया। पीएमश्री केंद्रीय विद्यालय में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम का हिस्सा बनने के बाद वे सीधे सचिवालय के लिए रवाना हो गये।
सचिवालय पहुंचकर जयंत चौधरी ने भारत सरकार के अपर सचिव विपिन कुमार, प्रमुख सचिव बेसिक एम.के. शन्मुगा सुंदरम, महानिदेशक बेसिक शिक्षा कंचन वर्मा और शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार की डायरेक्टर प्रीति मीना के साथ विभागीय समीक्षा शुरू की। विभाग के अद्यतन बजट की जानकारी लेने के बाद उन्होंने पीएमश्री और पीएम पोषण स्कीम, इन हाउस किचन इत्यादि के बारे में अधिकारियों से जानकारियां इकट्ठा की। राज्य में प्रथम दो चरणों में क्रमशः 925 तथा 782 विद्यालय पीएम श्री विद्यालय के रूप में चयनित किए गए हैं। समीक्षा के दौरान उन्होंने विद्यालयों में प्रीतिभोज जैसे कार्यक्रमों का आयोजन कर सरकार के प्रयासों को अत्यधिक प्रभावी बनाने की सलाह दी।
उन्होंने दीक्षा, पीएम ई-विद्या कार्यक्रमों के लिए होने वाले प्रयासों के बारे में भी जाना। मंत्री ने नये डायट के निर्माण कार्यों हेतु डीपीआर बनाये जाने सम्बन्धी निर्देश भी सम्बन्धित अधिकारियों को दिये। उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्रालय,भारत सरकार स्तर से आईआईटी कानपुर में नई टेक्नॉलाजी के पठन पाठन के लिए समझौता किया गया है, उसका उपयोग भी किया जा सकता है।
इस दौरान मंत्री ने अधिकारियों को माध्यमिक विद्यालय के बच्चों को औद्योगिक अनुभव प्रदान करने की सलाह दी। कहा कि इसके लिए आईटीआई और पॉलिटेक्निक से समझौता किया जा सकता है। उन्होंने सभी स्कूलों में आईसीटी लैब स्थापित करने के महत्व पर भी जोर दिया। उन्होंने स्कूली बच्चों के बीच आलोचनात्मक और विश्लेषणात्मक सोच विकसित करने के प्रयास के लिए भी निर्देश दिये।
जयंत चौधरी ने उत्तर प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में किए गए प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यूपी में ऑपरेशन कायाकल्प, प्रोजेक्ट अलंकार, प्रोजेक्ट प्रवीण, 57 जिलों में सीएम कम्पोजिट स्कूलों की अवधारणा और 75 जिलों में प्रत्येक में सीएम अभ्युदय स्कूलों में होने वाली प्रगति बहुत अच्छी स्तर की है। उन्होंने कहा कि यह बहुत सुखद है कि परिषदीय विद्यालयों में छात्र-छात्राओं को निपुण बनाने के बारे में विभाग एक रणनीति पर काम कर रहा है। इस दौरान उन्होंने कक्षाओं मे मूल्यांकन प्रेरणा तालिका द्वारा किए जाने को भी सराहा।