Wednesday, March 26, 2025

उत्तर प्रदेश में सड़कों और परिवहन व्यवस्था का अभूतपूर्व विकास: एक्सप्रेसवे, हवाई अड्डे और लॉजिस्टिक्स में नए आयाम

शामली। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व में प्रदेश के गांवों से लेकर शहरो और दूसरे शहर को जोड़ने के लिए सड़कों का जाल बिछाया गया है। प्रदेश सरकार ने आज गांवो से वस्तुओं को शहरों, मण्डियों तक पहुंचाने के लिए परिवहन की सर्वोत्तम व्यवस्था की है। क्षेत्रीय परिवहन तथा राज्य के प्रत्येक क्षेत्र तक सुगम आवागमन के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश में हो रहे अनेक अत्यधिक आधुनिक एक्सप्रेसवेज के निर्माण व विकास से राज्य की सड़क परिवहन की व्यवस्था में अभूतपूर्व परिवर्तन हो रहे हैं।

 

मुज़फ्फरनगर से लापता युवती का शव मेरठ में भोला झाल से मिला, 16 मार्च से थी गायब

 

यमुना एक्सप्रेसवे, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे, पूर्वांचल एक्सप्रेसवे, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे एवं ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे के संचालन में यातायात के समय में भारी कमी आई है, साथ ही जिन क्षेत्रों से यह एक्सप्रेसवेज गुजरते है वहां पर व्यापार के अवसरों में वृद्धि हुई है। गोरखपुर को आजमगढ़ से जोड़ने वाला 91 किमी लंबा गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे पूर्ण होने के अंतिम चरण में है तथा शीघ्र ही प्रारंभ होने की संभावना है। यह लिंक एक्सप्रेसवे न केवल इस क्षेत्र में आर्थिक विकास को

 

 

मुज़फ्फरनगर में लेखपाल की बदसलूकी से आक्रोशित किसान, रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराने के लिए भटक रही महिला किसान

 

गति प्रदान करेगा, बल्कि प्रमुख उत्पादन केंद्रों एवं राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के बीच महत्वपूर्ण लिंक के रूप में कार्य करेगा। आगामी गंगा एक्सप्रेसवे, बलिया लिंक एक्सप्रेसवे एवं चित्रकूट लिंक एक्सप्रेसवे इत्यादि के प्रारंभ होने पर राज्य में यातायात और सुगम होगा तथा राज्य के प्रमुख निर्यात केंद्रों तक आवागमन व उत्कृष्ट लॉजिस्टिक्स सुविधाएं उपलब्ध हो जाएगी। इसके अतिरिक्त, ये एक्सप्रेसवेज लखनऊ एवं आगरा जैसे प्रमुख महानगरों से दिल्ली तक यात्रा में लगने वाले समय में कमी लाते हुए यातायात को सुचारू करेंगे। इनका क्षेत्रीय विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान होगा।

 

 

मुज़फ्फरनगर से लापता युवती का शव मेरठ में भोला झाल से मिला, 16 मार्च से थी गायब

इन सभी एक्सप्रेसवेज़ के लिए बिना किसी विवाद के भूमि उपलब्ध कराने बाला त्वरित भूमि अधिग्रहण मॉडल, राज्य सरकार की पारदर्शी नीतियों का द्योतक है एवं अन्य राज्यों के लिए एक उदाहरण भी है। उत्तर प्रदेश में राज्य के भीतर एवं देश के अन्य नगरों महानगरों तक निर्वाध हवाई यात्रा की सुविधा उपलब्ध है। प्रयागराज, कानपुर, आगरा, बरेली, हिंडन, अलीगढ़, आज़मगढ़, चित्रकूट, मुरादाबाद, श्रावस्ती और गोरखपुर समेत विभिन्न शहरों में स्थित कुल 16 घरेलू हवाई अड्डों के साथ प्रदेशवासियों, देशवासियों तथा पर्यटकों व आगंतुकों के लिए हवाई यात्रा अब बेहद सुलभ हो गई है।

 

 

 

 

ये हवाई अड्डे उत्तर प्रदेश को देशभर के प्रमुख नगरों एवं महानगरों मे जोड़ते हैं, जिसमे राज्य के आर्थिक विकास एवं पर्यटन को बढ़ावा मिल रहा है। घरेलू उड़ानों के अतिरिक्त उत्तर प्रदेश सरकार अब अंतर्राष्ट्रीय गंतव्यों तक उड़ाने संचालित करने की दिशा में तेजी से कार्य कर रही है। वर्तमान में उत्तर प्रदेश में कुल चार अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे संचालित है, जो विश्व के प्रमुख गंतव्यों तक पहुंच प्रदान करते हैं।

 

 

 

लखनऊ, अयोध्या, कुशीनगर तथा वाराणसी जैसे प्रमुख नगरों में स्थित ये हवाई अड्डे विदेशी यात्रियों को वायुमार्ग से यात्रा के बेहतर विकल्प प्रदान करते हैं। साथ ही व्यापार, पर्यटन एवं सांस्कृतिक आदान-प्रदान की सुविधा प्रदान करते हैं। गौतम बुद्ध नगर के जेवर में निर्माणाधीन नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा अब निर्माण के अंतिम चरण में है इसके निर्मित होने पर उ0प्र0 देश का पांच अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डो का प्रथम प्रदेश होगा। भारत में प्रथम रैपिड रेल ट्रांसपोर्ट सिस्टम में उत्तर प्रदेश तेजी से आगे बढ़ रहा है। अक्टूबर 2023 में दिल्ली-गाजियाबाद मेरठ रैपिड रेल ट्रांसपोर्ट सिस्टम (आआरटीएस) के शुभारंभ के साथ उत्तर प्रदेश में परिवहन के क्षेत्र में अग्रणी विकास हुआ है।

 

 

 

 

यह भविष्योन्मुखी परिवहन प्रणाली राज्य के प्रमुख शहरों को जोड़ती है, जो उत्तर प्रदेश के निवासियों के लिए त्वरित तथा अधिक सुविधाजनक आवागमन के विकल्पों को प्रदान करती है। लॉजिस्टिक्स में सुधार करने हेतु उत्तर प्रदेश में नई वेयरहाउसिंग एवं लॉजिस्टिक्स नीति-2022 घोषित की गई है। इस नीति ने प्रदेश को उत्तर भारत में एक प्रमुख लॉजिस्टिक हब के रूप में उभरने में सहायता की है। लॉजिस्टिक्स विकास एवं लॉजिस्टिक्स की सुलभता हेतु उत्तर प्रदेश को LEADS सर्वे-2023 में लैंडलॉक्ड क्लस्टर में ‘अचीवर्स’ श्रेणी में स्थान दिया गया है।

 

 

 

 

राज्य सरकार ने लॉजिस्टिक्स योजना तथा नियमित अनुश्रवण के लिए संस्थागत ढांचे को विकसित करने के लिए भी कार्यवाही की है। लॉजिस्टिक्स क्षेत्र के समग्र विकास के लिए राज्य सरकार ने एक व्यापक एकीकृत राज्य लॉजिस्टिक् योजना विकसित की है, ताकि राज्य में निर्यात केंद्रों को माल पहुंचाने के लिए निर्वाध कनेक्टिविटी और त्वरित माल परिवहन सुनिश्चित किया जा सके।

 

 

 

 

इसके अतिरिक्त आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से उत्तर प्रदेश सरकार ने अनेक महत्वपूर्ण नीतियों के माध्यम से निवेशकों को परिवहन सब्सिडी देने का प्राविधान किया है, जिसमें उ.प्र. एफडीआई नीति, डेयरी प्रोत्साहन नीति, डिफेंस एवं एयरोस्पेस नीति, निर्यात प्रोत्साहन नीति, इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण नीति आदि सम्मिलित हैं। निर्मित माल, एवं कच्चे माल के परिवहन से संबंधित लागतों की प्रतिपूर्ति करके राज्य सरकार का उद्देश्य औद्योगिक गतिविधि को प्रोत्साहित करना, संतुलित आर्थिक विकास को बढ़ावा देना तथा प्रदेश में स्थापित उद्योगों की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता में वृद्धि करना है।

- Advertisement -

Royal Bulletin के साथ जुड़ने के लिए अभी Like, Follow और Subscribe करें |

 

Related Articles

STAY CONNECTED

75,563FansLike
5,519FollowersFollow
148,141SubscribersSubscribe

ताज़ा समाचार

सर्वाधिक लोकप्रिय