एंटीबायोटिक एक तरह की विशेष दवा है जो बैक्टीरिया द्वारा उत्पन्न संक्रमण का कारण होती है और एंटीबायोटिक के सेवन से बैक्टीरिया नष्ट हो जाते हैं या उनकी प्रजनन करने की क्षमता को रोकने का काम करते हैं। बैक्टीरिया सूक्ष्म जीव होते हैं जो शरीर में कई बीमारियों का कारण बनते हैं।
इसलिए एंटीबायोटिक को एंटीबैक्टीरियल्स भी कहा जाता है।
एंटीबायोटिक दवाओं का सेवन कई बीमारियों के इलाज के लिए जरूरी होता है लेकिन इन्हें हर बीमारी का अचूक नुस्खा मानना उचित नहीं है। एंटीबायोटिक में वायरस नष्ट करने की क्षमता नहीं होती। आइए जानें विशेषज्ञ इनके सेवन और दुष्प्रभाव के बारे में क्या कहते हैं।
इनका प्रयोग कैसे और कब करें:-
कभी भी एंटीबायोटिक दवाएं अपने आप से न लें। डाक्टर के परामर्श अनुसार ही इसका सेवन करें। हर बीमारी के लिए अलग तरह के एंटीबायोटिक होते हैं। डाक्टर बीमारी अनुसार ही इसके सेवन के लिए बताते हैं।
डाक्टर द्वारा बताई गई मात्र और समय का ध्यान रख कर ही इनका सेवन करें। अगर आप अपनी इच्छानुसार दवा का सेवन करेंगे तो लाभ के स्थान पर हानि हो सकती है।
एंटीबायोटिक का सेवन डाक्टर के परामर्श अनुसार कितने दिन का कोर्स करना है उसी अनुसार लें, बीच में ठीक महसूस होने पर अपनी मर्जी से दवा न छोड़ें। ऐसे में कुछ दिन बाद पुन: बीमारी का सामना करना पड़ सकता है।
अगर हम दवा पूरा कोर्स किए बिना बंद कर देते हैं तो कुछ बैक्टीरिया जीवित बच जाते हैं जो पुन: संक्रमित कर सकते हैं।
हर शरीर के मुताबिक अलग एंटीबायोटिक्स अलग लाभ देते हैं, इसलिए किसी ओर को दिए गये एंटीबायोटिक्स जरूरी नहीं कि दूसरे को भी लाभ पहुंचाएं। किसी की सलाह पर एंटीबायोटिक्स न लें। एंटीबायोटिक्स का सेवन खाना खाने से एक घंटा पहले करें या खाना खाने के दो घंटे बाद।
एंटीबायोटिक्स लेने के तरीके:-
गोली, कैप्सूल या सिरप के रूप में आप इनका सेवन कर सकते हैं।
कुछ एंटीबायोटिक्स क्रीम, लोशन, स्प्रे के रूप में जाते हैं जिन्हें त्वचा, जख्म आदि पर लगाया जाता है।
कुछ एंटीबायोटिक्स ड्रिप या इंजेक्शन से दिए जाते हैं जो सीधा मांसपेशियों से शरीर में पहुंचता है।
एंटीबायोटिक्स का प्रयोग किन्हें नहीं करना चाहिए:-
वायरल इंफेक्शन होने पर एंटीबायोटिक्स न लें जैसे सर्दी, जुकाम, फ्लू, गले की खराश आदि।
जिन रोगियों की किडनी और लिवर ठीक से काम न करती हों।
प्रेग्नेंट महिलाओं को।
स्तनपान करवाने वाली माताओं को।
एंटीबायोटिक के साथ अन्य पैथी की दवा न लें कभी कभी रिएक्शन हो सकता है।
जानिए इनके दुष्प्रभाव:-
एंटीबायोटिक्स के अधिक सेवन से मोटापा बढ़ता है।
एंटीबायोटिक्स के सेवन से मुंह, पाचन क्रिया और योनि का फंगल इंफेक्शन होने का खतरा रहता है।
इंसुलिन निर्माण की प्रक्रिया भी प्रभावित होती है।
सूरज की किरणों के प्रति संवेदनशीलता बढ़ती है।
किडनी में स्टोन का निर्माण होता है।
एंटीबायोटिक दवाएं आंतों के लाभदायक बैक्टीरिया को मार देती है।
एलर्जिक रिएक्शन होने का खतरा।
बड़ी आंत में सूजन आने से डायरिया का खतरा बढ़ जाता है।
– नीतू गुप्ता