ED का दावा: कफ सिरप रैकेट में 700 से अधिक फर्जी फर्में, UP में अरबों का ऐसा फर्जीवाड़ा पहली बार
लखनऊ। कफ सिरप तस्करी और अवैध कारोबार की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम फर्जी फर्मों से कमाई के खेल को देखकर हैरान रह गई है। ईडी का दावा है कि यूपी में इतना बड़ा फर्जीवाड़ा पहले कभी नहीं देखा गया। जांच में सामने आया कि 700 से अधिक फर्जी फर्मों के जरिए अरबों रुपये की कमाई की गई।
ईडी के सूत्रों का कहना है कि अभी कई और फर्मों को लेकर साक्ष्य जुटाए जा रहे हैं और इनके आधार पर जल्द ही सम्पत्ति जब्त करने की कार्रवाई शुरू की जाएगी। अधिकारियों का कहना है कि जिस तरह से कदम-कदम पर फर्जीवाड़ा किया गया, उसने पूरे सिस्टम की पोल खोल दी है।
जानकारी के अनुसार, फेंसेडिल सिरप बनाने वाली कंपनी के कई अधिकारी भी इस रैकेट की जानकारी रखने के बावजूद चुप्पी साधे रहे। एसटीएफ के एएसपी लाल प्रताप सिंह ने पहले कहा था कि कंपनी के कई अधिकारी कार्रवाई के दायरे में आएंगे।
पिछले साल एसटीएफ की जांच के बाद मास्टरमाइंड शुभम जायसवाल, पूर्व सांसद के करीबी आलोक सिंह और अमित टाटा ने खुद को बचाने के लिए कई तरीके अपनाए। हालांकि, ईडी ने उनके ठिकानों पर छापेमारी कर साक्ष्य जुटाना शुरू किया तो खेमे में खलबली मच गई।
ईडी का दावा है कि दुबई में छिपे शुभम जायसवाल, आलोक सिंह, अमित टाटा और शुभम के पिता भोला प्रसाद जायसवाल के बैंक खातों में कई बड़े लेन-देन मिले हैं। कुछ लेन-देन का पूरा ब्योरा नहीं मिल पाया है। रांची और धनबाद में भी फर्मों के बीच रकम का आदान-प्रदान हुआ है।
ईडी जांच के तहत जीएसटी विभाग से भी फर्मों की सूची प्राप्त होगी, जिससे जांच का दायरा और बढ़ेगा और नई फर्जी फर्मों का खुलासा होने की संभावना है।
