नई दिल्ली। दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 1984 में दिल्ली के सुल्तानपुरी सिख विरोधी दंगा मामले में पूर्व कांग्रेस नेता सज्जन कुमार के खिलाफ दर्ज मामले में फैसला टाल दिया। स्पेशल जज गीतांजलि गोयल ने इस मामले पर 11 अगस्त को फैसला सुनाने का आदेश दिया। पहले इस मामले की सुनवाई पटियाला हाउस कोर्ट में चल रही थी। बाद में इस केस को राऊज एवेन्यू कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया।
इस केस को दर्ज करने का आदेश सिख विरोधी दंगों की जांच के लिए बने नानावती आयोग ने दिया था। 16 नवंबर 2018 को इस केस की मुख्य गवाह चाम कौर ने पटियाला हाउस कोर्ट में गवाही के दौरान उपस्थित सज्जन कुमार की पहचान की थी। इससे पहले 20 सितंबर 2018 को चाम कौर ने आरोप लगाया था कि उन्हें कोर्ट में गवाही देने से रोका जा रहा है । चाम कौर ने कहा था कि 19 सितंबर की रात दिल्ली के सुल्तानपुर माजरा के पूर्व कांग्रेस विधायक जय किशन के लोगों ने उसके घर आकर धमकी दी। उन्हें पैसे का भी लालच दिया गया।
28 मार्च 2019 को जोगिंदर सिंह ने पटियाला हाउस कोर्ट को बताया था कि सज्जन कुमार ने भीड़ का नेतृत्व किया। उन्हें उकसाया। जोगिंदर ने कहा था कि जब वे पुलिस के पास एफआईआर लिखवाने पहुंचा तो पुलिस ने सज्जन कुमार का नाम लिखने से इनकार कर दिया। जोगिंदर सिंह ने कहा था कि उस दंगे में उसके भाई की हत्या कर दी गई थी। सज्जन कुमार इसी साल के एक दूसरे सिख विरोधी दंगों के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद दिल्ली की मंडोली जेल में बंद हैं। सज्जन कुमार ने 31 दिसंबर 2018 को दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट में सरेंडर किया था।