कानपुर। कानपुर नगर निगम में तैनात बाबू पर आरोप है कि वित्तीय स्त्रोतमैन (एसीपी) निकलवाने के लिए पीड़ित से 30 हजार रुपये घूस की मांग की थी। पीड़ित ने 20 हजार रुपये दे दिया था फिर भी आरोपित बाबू काम नहीं कर रहा था। परेशान होकर पीड़ित ने विजिलेंस की टीम से संपर्क किया और बचे हुए 10 हजार रुपया शनिवार को आरोपित बाबू को दिया। पहले से सक्रिय विजिलेंस की टीम ने आरोपित बाबू को रंगेहाथ घूस लेते गिरफ्तार कर लिया।
नगर निगम के जोन 2 में संविदा चालक के पद पर कार्य कर रहे मो. असलम ने बताया कि पिता मो. इश्तियाक विभाग में बेलदार के पद से सेवानिवृत हुये हैं। पिता की वित्तीय स्त्रोतमैन (एसीपी) निकलवाने के लिए अपर नगर आयुक्त मो. आवेश के वैयक्तिक सहायक राजेश यादव से अनुरोध किया। राजेश यादव कार्मिक व विज्ञापन का कार्य भी संभालते हैं। एसीपी निकलवाने के नाम पर राजेश ने 30 हजार रुपये की घूस मांगी थी। राजेश 20 हजार रुपया पहले ले चुका था और बचे हुए 10 हजार रुपया के लिए शुक्रवार को बुलाया था। लेकिन अचानक राजेश ने तबियत खराब होने की बात कहकर शनिवार को आने को कहा। यह भी बताया कि राजेश तीन साल से परेशान कर रहा था जिसके चलते उसकी शिकायत विजिलेंस से कर दी।
विजिलेंस की टीम ने घूस के रुपयों पर कैमिकल लगा दिया और शनिवार को पीड़ित ने जैसे ही बाबू राजेश यादव को 10 हजार रुपया दिया तो विजिलेंस की टीम ने रंगेहाथ बाबू को गिरफ्तार करते हुए मुख्यालय से घसीटते हुये ले गई। इससे अधिकारियों और कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है। विजिलेंस की टीम में ट्रैप लीडर इंद्र कुमार रावत, इंस्पेक्टर इंदु यादव समेत अन्य लोगों ने कार्रवाई की है।
वहीं, नगर आयुक्त सुधीर कुमार का कहना है कि बाबू राजेश यादव विज्ञापन और कार्मिक का काम देख रहा था, साथ ही अपर नगर आयुक्त मो. आवेश का वैयक्तिक सहायक था। विजिलेंस की टीम ने रंगेहाथ घूस का रुपया लेते हुए उसे पकड़ा है। बाबू को निलंबित करने के साथ ही विभागीय कार्रवाई की जाएगी।