मेरठ। आज विश्व गौरैया दिवस 2023 मनाया जा रहा है। गौरैया विलुप्त होने के कगार पर हैं। लेकिन आज गौरैया को विलुप्त होने से बचाने के लिए कुछ पक्षी प्रेमी कोशिश में हैं। ऐसे ही मेरठ मवाना रोड पर स्थित कालोनी विजय लोक के रहने वाले विजय भोला हैं। विजय भोला गौरैया के संरक्षण के लिए पिछले 30 साल से काम कर रहे हैं। उन्होंने पूरी कालोनी के पेड़ों पर गौरैया के लिए घोसले बनवाए हैं। सुबह और शाम के समय विजय लोक का नजारा देखने लायक होता है। पूरा विजय लोग गौरैया की चहचहाहट से चहक उठता है।
विजय भोला कहते हैं, आज गौरैया विलुप्त होने के कगार पर हैं। इसकी वजह भोजन और दाना-पानी की कमी, बाग व खेतों में रासायनिक खादों का प्रयोग और मोबाइल से निकलने वाली तरंग हैं। गौरेया पुरानी दोस्त है, इसे बचाने के लिए आगे आना होगा। जिस घर में घोसला बनाया है तो उसका बचाव करना होगा।
लोगों को गौरैया बचाने के लिए करते हैं प्रेरित
विजय भोला जी लोगों को गौरैया बचाने और उनको पालने के लिए प्रेरित करते हैं। उनका कहना है कि अगर हर व्यक्ति एक घोसला में गौरैया पाले तो इनको विलुप्त होने से बचाया जा सकता है।
दिन में दो घंटे गौरैया की सेवा के नाम
विजय भोला बताते हैं कि वो दिन में दो घंटे गौरैया की सेवा में लगाते हैं। उन्होंने बताया कि गौरैया काफी संवेदनशील होतीं हैं। इनके घोसले को छू भी नहीं सकतें। गौरैया के दाना पात्र और पानी पात्र को साफ करने के लिए उनको हर दिन दो घंटे लगते हैं। आज विश्व गौरैया दिवस पर उन्होंने लोगों से विलुप्त हो रही गौरैया को बचाने की अपील की।