इंदौर। मध्य प्रदेश के नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी और गांधी परिवार पर हमला बोलते हुए गुरुवार को कहा कि भाजपा के लिए संविधान पवित्र ग्रंथ के समान है जबकि कांग्रेस के लिए जेब में रखने की चीज। इंदौर में कांग्रेस के “जय बापू-जय भीम-जय संविधान” के तहत आयोजित रैली में राहुल गांधी के अलावा कई अन्य बड़े नेता हिस्सा लेने वाले है।
कांग्रेस और भाजपा के संविधान के प्रति नजरिए की तुलना करते हुए विजयवर्गीय ने कहा, “सारे देश ने देखा है कि जब पहली बार देश की जनता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश की सत्ता सौंपी और वह लोकसभा की सीढ़ी पर चढ़ रहे थे तो सबसे पहले प्रजातंत्र के सबसे बड़े मंदिर पर माथ टेका था और दूसरी बार देश की जनता ने देखा कि जब उन्हें बागडोर सौंपी गई तो फिर पार्लियामेंट में गए और संविधान के ऊपर माथा टेका। हमारे लिए संविधान सिर पर रखने वाला एक पवित्र ग्रंथ है जैसे रामचरितमानस, गीता, वेद पुराण को मानते हैं। उनके लिए पॉकेट में रखने वाला है।
“विजयवर्गीय ने राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए कहा कि यह उनकी गलती नहीं है, उनको संस्कार ही ऐसे मिले क्योंकि उनके परनाना ने अनुच्छेद 370 लगाया था। तब बाबा साहब अंबेडकर ने विरोध किया था, सरदार वल्लभ भाई पटेल ने विरोध किया था फिर भी अनुच्छेद 370 को लगा दिया गया। तब बाबा साहब अंबेडकर ने कहा था कि यह संविधान की आत्मा की हत्या है। यह उनके पूर्वजों ने किया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की दादी ने 1975 में आपातकाल लगाया था, मौलिक अधिकार खत्म कर दिए थे, लोकतंत्र खत्म कर दिया गया था। तमाम नेताओं को जेल में डाला गया था। इसके बाद उनके पिताजी ने फिर एक बयान दिया था जब इंदिरा गांधी की हत्या पर पूरे सिख समाज को सजा दी गई थी। पत्रकारों ने उनसे पूछा कि यह क्या हो रहा है, उन्होंने कहा – “जब एक पेड़ गिरता है तो धरती हिलती है।” विजयवर्गीय ने कहा कि शाहबानो प्रकरण में सबने देखा कि शाहबानो को सुप्रीम कोर्ट ने मुआवजा देने का आदेश दिया, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के निर्णय को संसद में ले जाकर बदला गया। वास्तव में यह थी संविधान की हत्या।