Sunday, April 13, 2025

वक्फ अधिनियम के खिलाफ पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन, दस पुलिसकर्मी घायल

कोलकाता। पश्चिम बंगाल के विभिन्न जिलों में शुक्रवार जुम्मे की नमाज के बाद वक्फ अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया। मुर्शिदाबाद जिले के सुती इलाके में प्रदर्शनकारियों ने पुलिसकर्मियों पर पथराव किया, वाहनों में आग लगा दी और रेल व सड़क परिवहन बाधित कर दिया। अधिकारियों के अनुसार, हिंसा में कम से कम दस पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।

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सुती के शमशेरगंज से लेकर सजूर मोड़ तक नेशनल हाईवे 12 को अवरुद्ध कर प्रदर्शनकारियों ने शुक्रवार की नमाज के बाद विरोध मार्च निकाला। इस दौरान पुलिस वैन पर पथराव के चलते स्थिति बेकाबू हो गई। अधिकारियों ने बताया कि हालात काबू में लाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े।

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भीड़ के कुछ सदस्यों ने पुलिस पर बम भी फेंके, जिससे कई पुलिसकर्मी पास की एक मस्जिद में शरण लेने को मजबूर हो गए। हालात बिगड़ने पर जिला प्रशासन ने सीमा सुरक्षा बल से मदद मांगी।

 

 

 

 

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एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “अब स्थिति नियंत्रण में है। इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है और दोषियों को पकड़ने के लिए छापेमारी जारी है।”

इंटरनेट सेवाएं पहले से ही जंगीपुर में हुई अशांति के बाद निलंबित थीं, जिन्हें अब सुती समेत अन्य प्रभावित क्षेत्रों में भी जारी रखा गया है।

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उधर मालदा जिले में प्रदर्शनकारियों ने रेलवे ट्रैक पर बैठकर रेल सेवाओं को बाधित किया, जबकि दक्षिण 24 परगना के आमतला में एक रैली के दौरान पुलिस वाहन पर हमला कर उसे क्षतिग्रस्त कर दिया गया। इसके अलावा, पूर्वी रेलवे के न्यू फरक्का-अज़ीमगंज सेक्शन में धुलियानडांगा और निमतिता स्टेशनों के बीच बड़ी संख्या में लोगों द्वारा पटरियों पर अवरोध खड़ा करने से ट्रेन सेवाएं प्रभावित रहीं।

राजधानी कोलकाता के पार्क सर्कस में अलीया विश्वविद्यालय के छात्रों ने अधिनियम के खिलाफ प्रदर्शन किया, वहीं खिदिरपुर में भी रैलियां निकाली गईं।

राज्यपाल सी. वी. आनंद बोस ने इस हिंसा पर चिंता जताते हुए राज्य सरकार को त्वरित और प्रभावी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने एक वीडियो संदेश में कहा, “लोकतंत्र में विरोध का स्थान है, लेकिन हिंसा बर्दाश्त नहीं की जा सकती। सार्वजनिक व्यवस्था बाधित करना और लोगों की जान से खिलवाड़ करना अस्वीकार्य है। कानून हाथ में लेने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।”

राज्यपाल ने इस मुद्दे पर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से भी संपर्क किया और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से चर्चा की। उन्होंने बताया कि स्थिति की निगरानी के लिए एक 24×7 नियंत्रण कक्ष और सार्वजनिक सहायता के लिए हेल्पलाइन स्थापित की गई है।

गौरतलब है कि हाल ही में वक्फ विधेयक लोकसभा और राज्यसभा दोनों में पारित हुआ है जिसमें वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन को सुव्यवस्थित करने, विरासत स्थलों की रक्षा करने और सामाजिक कल्याण को बढ़ावा देने का प्रावधान है।

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