आधुनिक पढ़ी लिखी स्त्री खाली घर बैठकर घर संभालना पसंद नहीं करती। घर से बाहर निकलने पर स्त्री आत्मविश्वासी, समय की पाबंद और स्मार्ट होती है।
बाहर निकलने पर भिन्न-भिन्न कपड़ों की भी आवश्यकता रहती है। प्रतिदिन वह अपने वार्डरोब को सही रूप नहीं दे सकती, इसलिए उसे चाहिए कि वह अपना वार्डरोब अपनी आवश्यकता अनुसार कपड़ों से तैयार रखे जिससे सुबह उसे समय नष्ट किए बिना अपनी जरूरत अनुसार कपड़े आसानी से प्राप्त हो सकें।
ऑफिसवियर:- कामकाजी महिला को प्रतिदिन दफ्तर जाने के लिए जिन वस्त्रों की आवश्यकता हो, उन्हें एक शैल्फ में इस प्रकार लगा कर रखें कि सुबह बिना रूकावट के अपनी पसंद के कपड़े आसानी से प्राप्त हो सकें।
ऑफिस हेतु आरामदेह वस्त्र ही पहनें जो काम करते समय किसी प्रकार की रूकावट पैदा न करें। कपड़े ऐसे पहनें जो साथियों के बीच हंसी का पात्र न बन सकें। साड़ी पहनते समय पल्लू को ढंग से पिनप कर रखें। ब्लाउज और सूट के गले अधिक गहरे न रखें। सूट पहनते समय चुन्नी सही रूप से लें।
समारोहों पर पहनने वाले वस्त्र:- इन कपड़ों को प्रतिदिन प्रयोग में आने वाले वस्त्रों से अलग रखें। इन्हें हमेशा प्रेस करवाकर या चर्ख चढ़वा कर हैंगर में लटकायें और कवर से ढक कर रखें। जब भी समारोह पर वस्त्र पहनें, प्रफुल्लता का अहसास हो।
रात्रि में पहनने वाले वस्त्र:- रात में ऐसे कपड़े पहनें जो नर्म और आकर्षक हों। नॉयलोन मिश्रित कपड़े त्वचा पर रैश पैदा कर सकते हैं। अधिक लेसदार नाइट वियर न पहनें। कपड़े वही पहनें जो त्वचा के लिए आरामदायक हों। रात को कभी सख्त और कसे हुए वस्त्र न पहनें। शरीर को रात्रि में पूरा आराम मिलना आवश्यक है। मित्र के वस्त्रों का शैल्फ अलग रखें जो अन्य कपड़ों में मिक्स न हों।
वस्त्रों का चयन:- वस्त्रों का चयन इस प्रकार करें जिसे पहन कर आप आत्मविश्वासी लगें। ऐसा न लगे कि आपका शरीर वस्त्रों में बस लिपटा हुआ है। जिस ड्रेस को पहनें, उसे पहनने का सलीका रखें। अवसरों के आधार पर वस्त्रों का चयन करें।
मेल खाते आभूषण:- प्रतिदिन ऑफिस जाते समय ध्यान रखें कि साड़ी, सूट के साथ मेल खाते गहने भी पहनें।
जरूरी नहीं कि सोने के आभूषण बदल बदल कर पहनें। आप मोतियों के, नगों के, नकली, चांदी के आभूषण डेउस के अनुसार पहनें। इन आभूषणों को भी अपने वार्डरोब में उचित स्थान दें जिससे सुबह आपका ढूंढने हेतु समय नष्ट न हो।
-सुनीता गाबा