पटना । मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रविवार को जदयू प्रदेश कार्यालय में आयोजित दानवीर शूरवीर भामाशाह की स्मृति समारोह में शामिल हुए। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों ने सबके विकास और उत्थान के लिए हमेशा काम किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले यहां व्यवसायियों की क्या स्थिति थी? अब कितने बेहतर ढंग से सुरक्षित माहौल में लोग अपना व्यवसाय कर रहे हैं। पहले व्यवसायी लोग कई प्रकार की चिंता में रहा करते थे। हमलोगों ने बिहार में लॉ एंड ऑर्डर कायम कर सभी को सुरक्षा प्रदान की है। आपको जो अच्छा लगे उन्हीं को अच्छा कहिये और उन्हीं को वोट दीजिए लेकिन हम आप ही को अच्छा मानते हैं। हम वोट की चिंता नहीं करते। उन्होंने कहा कि महाराणा प्रताप के साथ-साथ भामाशाह के योगदान को भी नई पीढ़ी के लोगों को जानना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमलोगों ने बिहार में एथेनॉल प्लांट लगाने के लिए वर्ष 2007 में ही राज्य सरकार से कानून बनाकर केंद्र को भेजा था और बिहार में एथेनॉल प्लांट लगाने की इच्छा प्रकट की थी। उस समय दूसरे राज्यों से लोगों ने यहां आकर उद्योग स्थापित करने में अपनी रुचि दिखाई थी। उनलोगों की तरफ से लगभग 31 हजार करोड़ रुपये निवेश करने की इच्छा प्रकट की गयी थी, लेकिन उस समय की केंद्र सरकार ने हम लोगों का प्रस्ताव स्वीकार नहीं किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र ने यह कहते हुए प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया कि गन्ने से चीनी उत्पादन आवश्यक है, इसलिए एथेनॉल बनाने की स्वीकृति नहीं दी जा सकती। वर्ष 2020 के बाद केंद्र सरकार ने एथेनॉल उत्पादन से संबंधित पॉलिसी तय की। उसके बाद गन्ना, मक्का और टूटे हुए चावल से एथेनॉल बनाने का फैसला लिया गया। हमने लोगों से बिहार में एथेनॉल प्लांट लगाने का प्रस्ताव मांगा, तब हमें 152 प्रस्ताव प्राप्त हुए लेकिन केंद्र सरकार ने सिर्फ 17 प्रस्तावों को ही अपनी मंजूरी दी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में उद्योग को बढ़ावा देने के लिए काफी काम किए गए हैं। बिहार में मुख्यमंत्री उद्यमी योजना के तहत लोगों को उद्योग लगाने के लिये 10 लाख रुपये की आर्थिक मदद राज्य सरकार दे रही है। इसमें अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति, अतिपिछड़ा वर्ग एवं सभी वर्ग की महिलाओं को 5 लाख रुपये का अनुदान और 5 लाख रुपये का ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 में उद्यमी योजना का लाभ सिर्फ अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति से जुड़े लोगों को मिलता था। वर्ष 2020 में इसे अति पिछड़ा वर्ग के लिए भी शुरू कर दिया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार सबसे पौराणिक स्थल है । हमलोग अपने बल पर बिहार को इतना आगे बढ़ाने में कामयाब हुए हैं, अगर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिल जाता तो बिहार और तेजी से आगे बढ़ता।