नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने अपने सांसद आरके. चौधरी द्वारा लोकसभा से सेंगोल हटाकर उसकी जगह संविधान की विशालकाय प्रति स्थापित करने को लेकर लोकसभा स्पीकर को लिखे गए पत्र का समर्थन करते हुए कहा है कि आखिर सरकार को सेंगोल की जगह संविधान की प्रति लगाने में क्या दिक्कत है?
हालांकि, संसद भवन परिसर में मीडिया से बात करते हुए सपा सांसद आरके. चौधरी ने कहा कि उन्हें जब लोकसभा में राजदंड और राजतंत्र का प्रतीक सेंगोल नजर आया तो उन्होंने इसे हटाने के लिए तुरंत पत्र लिख दिया क्योंकि लोकतंत्र में इसका कोई स्थान नहीं है। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि पत्र लिखने से पहले उनकी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव से कोई बात नहीं हुई थी, पत्र के चर्चा में आने के बाद आज उनकी अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष से बात हुई है। उन्होंने कहा कि वह अपनी मांग को लेकर सहयोगी दलों से भी बात करेंगे।
इससे पहले राष्ट्रपति के अभिभाषण पर प्रतिक्रिया देते हुए सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव ने कहा कि यह सरकार का भाषण था और सरकार जब यह दावा करती है कि हम दुनिया की पांचवी अर्थव्यवस्था बन गए हैं और तीसरे नंबर की अर्थव्यवस्था बन जाएंगे तो फिर देश का किसान क्यों दुखी है? बड़े पैमाने पर नौजवान बेरोजगार क्यों हैं? अग्निवीर जैसी आधी-अधूरी योजना सरकार को क्यों लागू करनी पड़ रही है? देश में महंगाई क्यों है? राष्ट्रपति के अभिभाषण में आपातकाल का जिक्र होने पर प्रतिक्रिया देते हुए अखिलेश यादव ने कहा कि जहां तक आपातकाल का मसला है, यह सवाल भाजपा के लोगों से पूछना चाहिए कि आपातकाल में जो लोग जेल में गए थे, भाजपा ने उन लोगों के लिए क्या किया? उन्होंने दावा किया कि समाजवादी पार्टी की सरकार ने आपातकाल के दौरान जेल में रहने वाले लोगों को मानदेय दिया और कई तरह की सुविधाएं भी दी।