Sunday, April 13, 2025

अनमोल वचन

भगवान बुद्ध कहते हैं कि जिस प्रकार हजारों दीयो को एक ही दीये से बिना उसके प्रकाश को कम किये जलाया जा सकता है, उसी प्रकार खुशी बांटने से खुशी कभी कम नहीं होती। यह सच्चाई है कि दुख बांटने से दुख कम होता है और खुशी बांटने से खुशी में वृद्धि होती है।

आंख के बदले आंख की मंशा पूरी दुनिया को अंधा बना सकती है। ‘घृणा’ घृणा करने से कम नहीं होती, बल्कि वह बढ़ती जाती है। उसे केवल प्रेम से कम किया जा सकता है, मिटाया भी जा सकता है। यही शाश्वत नियम है। वास्तव में यदि हम स्वयं से प्रेम करने का संकल्प ले, तभी हम दूसरों से भी प्रेम कर सकते हैं।

ऐसा तब तक सम्भव नहीं जब तक मनुष्य अपने क्रोध पर विजय न प्राप्त कर ले। जब मनुष्य अपने क्रोध को नियंत्रित और दूसरों को क्षमा प्रदान करता है, तभी वह ईश्वरीय प्रेम की अनुभूति को प्राप्त कर सकता है।

क्षमा दूसरों के लिए नहीं स्वयं के लिए करनी होती है। जब हम दूसरों को क्षमा करते हैं, तब वास्तव में हम अपनी आत्मा को स्वतंत्र करते हैं, अपनी आत्मा के बोझ को हल्का करते हैं।

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